पटना। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में लोक सेवा की परीक्षा दो पाली में कराने के खिलाफ छात्र एकजुट हुए थे और आंदोलन किया था उसी तरह बिहार में भी लोक सेवा की परीक्षा दो पालियों में आयोजित कराने और अंकों का सामान्यीकरण करने के खिलाफ आंदोलन किया। हजारों की संख्या में छात्र पटना की सड़कों पर उतरे और पुलिस ने उनका आंदोलन खत्म कराने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें अनेक छात्र घायल हो गए। कई छात्राएं भी घायल हुईं।
इस मसले पर छात्रों का साथ देने उतरे खान सर को पटना पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें गर्दनीबाग थाने में रखा गया था। हालांकि बाद में उनको छोड़ दिया गया। खान सर सुबह से ही गर्दनीबाग में नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी के अभ्यर्थियों के साथ दिखावा कर रहे थे। उनके साथ गुरु रहमान भी प्रस्तुति में शामिल थे। खान सर के साथ छात्र नेता दिलीप को भी हिरासत में लिया गया है।
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छात्रों के प्रदर्शन के बीच बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने बताया कि बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन यानी सामान्यीकरण लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीपीएससी की 71वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू किया जाएगा। इस पर विचार किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभ्यर्थी किसी के बहकावे में नहीं आएं। इससे पहले पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ बीपीएससी ऑफिस के बाहर दिखावा किया।
बीपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ हजारों अभ्यर्थी आयोग कार्यालय के बाहर पहुंचे थे। पुलिस ने अभ्यर्थियों को वहां से जाने को कहा, लेकिन वे नहीं माने। उसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों को पुलिस ने सड़क पर दौड़ा दौड़ाकर पीटा। लाठीचार्ज में एक छात्र का सिर फूट गया और एक का पैर टूट गया है। लाठीचार्ज के कुछ देर बाद फिर छात्र बीपीएससी कार्यालय पहुंचे, लेकिन इस बार भी पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। बाद में छात्र गर्दनीबाग में इकट्ठा हुए और दिखावा किया।