कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने आरजी कर आंदोलन (RG Kar Agitation) के बीच शनिवार को 42 डॉक्टरों का स्थानांतरण कर दिया। 15 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग से तबादलों के संबंध में सरकारी अधिसूचना सामने आने के बाद, चिकित्सा बिरादरी और विपक्षी दलों ने दावा किया कि एक ही बार में कई डॉक्टरों का स्थानांतरण राज्य सरकार के प्रतिशोधी रवैये का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि इन 42 डॉक्टरों को मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के नेतृत्व वाले आंदोलन में शामिल होने के लिए दंडित किया गया है।
यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन (UDFA) ने भी इस स्थानांतरण की कड़ी निंदा की और दावा किया कि यह उन डॉक्टरों का अन्यायपूर्ण स्थानांतरण था, जिन्होंने मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के विरोध का समर्थन किया था। यूडीएफए ने कहा ये दंडात्मक उपाय न्याय और सुरक्षा के लिए हमारी मांगों को चुप नहीं कराएंगे। हम अपनी लड़ाई में एकजुट और दृढ़ हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि डॉक्टर बलात्कार और हत्या की घटना में न्याय के लिए आवाज उठाने के बाद तृणमूल सरकार ने 42 डॉक्टरों का तबादला कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस सोशल मीडिया पर घटना के खिलाफ बोलने पर लोगों को धमकी दे रही है।
पूनावाला ने एक्स पर लिखा देश भर में हर कोई आक्रोशित है और एक ही बात की मांग कर रहा है कि पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए। हालांकि, न्याय के बजाय तृणमूल सरकार के एजेंडे में बलात्कारी को बचाना है। वे बेटी बचाने के लिए नहीं हैं। तृणमूल का मतलब तृणमूल कांग्रेस नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य समेत तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने डॉक्टरों के तबादले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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