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संसद में उठा बांग्लादेश का मुद्दा

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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन बुधवार को एक बार फिर अडानी के मसले पर संसद परिसर में विपक्ष ने प्रदर्शन किया, जबकि लोकसभा में बांग्लादेश हिंसा का मुद्दा उठा। राज्यसभा में विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर हंगामा किया और कई सांसद वेल में चले गए। संसद के बाहर विपक्ष के सांसदों ने अडानी और संभल हिंसा मामले पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसे लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से संसद गेट पर प्रदर्शन न करने की अपील की।

लोकसभा स्पीकर ने कहा कि उन्हें कई महिला सांसदों की शिकायत मिली है। उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इससे पहले अडानी मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन के सांसद मकर द्वार पर प्रदर्शन कर रहे थे। उधर राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेताओं के बीच बहस हो गई। विपक्ष के नेता किसान मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस पर धनखड़ ने कहा- पिछले हफ्ते पांच दिन कार्यवाही के दौरान विपक्ष के किसी भी नेता ने किसान मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस नहीं दिया और आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। ये सब नहीं चलेगा।

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया। हेमा मालिनी ने कहा- बांग्लादेश में हमारे हिंदुओं और हिंदू मंदिरों, खास तौर पर इस्कॉन और इस्कॉन भक्तों के साथ जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर मैं बेहद दुखी और परेशान हूं। हिंदू मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं, हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा खतरे में है। हेमा मालिनी ने कहा- मैं कृष्ण की पवित्र भूमि, मथुरा की प्रतिनिधि हूं। हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में हो रहे हमले मुझे और हमारे देशों में कृष्ण भक्तों को परेशान कर रहे हैं। यह केवल विदेशी संबंधों का मुद्दा नहीं है, यह भारत में कृष्ण भक्तों की भावनाओं का मामला है।

इस बीच बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। यह बिल पुराने विधेयक रेलवे कानून, 1989 को संशोधित करेगा। यह बिल रेलवे के विकास, संचालन और अन्य विभागों में नए नियमों से जुड़ा है। इसमें रेलवे बोर्ड के अधिकार बढ़ाने का प्रावधान है।

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By NI Desk

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