राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

जमानत की शर्तें कठिन हैं

Image Source: ANI

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के केस में उन्हीं शर्तों पर जमानत मिली है, जिन शर्तों पर ईडी के केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने शुक्रवार को केजरीवाल को जमानत देते हुए छह कठिन शर्तें लगाईं। पहली शर्त तो यही है कि वे मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे। जमानत की दूसरी शर्त यह है कि वे किसी भी सरकारी फाइल पर दस्तखत नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए 10-10 लाख रुपए के जमानत बॉन्ड जमा कराने को भी कहा। इसी तरह एक शर्त यह लगाई है कि वे शराब नीति से जुड़े मुकदमे के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे। पांचवीं शर्त यह है कि वे जांच में बाधा नहीं डालेंगे या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। सर्वोच्च अदालत ने उनकी जमानत की छठी शर्त यह है लगाई है कि केजरीवाल जांच में सहयोग करते रहेंगे और जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे।

इस बीच केजरीवाल की जमानत को लेकर आम आदमी पार्टी व विपक्षी गठबंधन की दूसरी पार्टियों और भाजपा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की जमानत को सत्य की जीत बताया तो एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने इसे देश के लोकतंत्र की ताकत बताया। दूसरी ओर भाजपा ने कहा कि केजरीवाल बरी नहीं हुए हैं, बल्कि जमानत पर छूटे हैं। दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जमानत को सत्य की जीत बताने पर निशाना साधा।

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *