नई दिल्ली। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का कथित तौर पर अपमान करने के आरोपों से घिरे केंद्री गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष रखा और कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। शाह ने अपनी सफाई में कहा कि वे सपने में भी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने मीडिया से भी अपील की और कहा कि वह उनका पूरा बयान दिखाए। अमित शाह ने दावा किया कि अंबेडकर का सबसे ज्यादा सम्मान भाजपा ने किया है।
उन्होंने कहा- मैं उस पार्टी से आता हूं, जो अंबेडकर जी का कभी अपमान नहीं कर सकती। जब जब भाजपा शासन में रही, अंबेडकर के सिद्धांतों का हमने प्रचार प्रसार किया है। आरक्षण को मजबूत करने का काम भाजपा ने किया है। अमित शाह ने कहा- मेरी पूरी बात राज्यसभा में रिकॉर्ड पर है। भाजपा सदस्यों ने ट्विट कर इस बात को लोगों तक पहुंचाया है। कांग्रेस मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर जनता में रख रही है। जनता में भ्रांति फैला रही है। मेरा बयान जनता तक पहुंचाइए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा- कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है। पार्टी ने सावरकर का भी अपमान किया, आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने कहा- नेहरू ने 1955 में और इंदिरा ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया। 1990 में अंबेडकर को तब भारत रत्न मिला जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी। अंबेडकर को भारत रत्न ना मिले इसका प्रयास कांग्रेस करती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 1951-52 और 1954 में बाबा साहेब को हराने की कोशिश की थी। अंबेडकर की 100वीं जयंती मनाने से इनकार कर दिया था।
अमित शाह ने कहा- नेहरूजी की अंबेडकर के लिए नफरत जगजाहिर है। नेहरू की किताब में एक पत्र का उल्लेख है, जब पीसी राव ने खत लिखकर नेहरू को कहा कि अंबेडकर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर जाने का मन बना रहे हैं। नेहरू ने कहा था- अंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शाह ने कहा- जहां जहां भाजपा की सरकार आती गई स्मारक बनते गए। मोदी सरकार ने अंबेडकर से संबंधित पंच तीर्थ का विकास किया। 19 नवंबर 2015 को मोदीजी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया। 2018 में मोदीजी ने महापरिनिर्वाण स्थल पर अंबेडकर स्मारक का उद्घाटन किया।