amit shah kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को लेकर बड़ा बयान दिया है।
शाह ने कहा है कि कश्मीर का नाम ऋषि कश्यप के नाम पर हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने पीओके का नाम लिए बगैर कहा कि भारत ने जो गंवाया है उसे भी जल्दी हासिल कर लेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर में शांति बहाली का दावा किया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के बीज पड़े थे।
अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में ‘जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख थ्रू द एजेस’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पीओके का नाम लिए बिना कहा, ‘कश्मीर में इन दिनों विकास ही विकास देखने को मिल रहा है और मुझे इस बात की खुशी है.
मेरा विश्वास है कि हमने जो कुछ भी गंवाया है उसे जल्दी से जल्दी वापस पा लेंगे, ये मुझे पूरा विश्वास है। न केवल भौतिक विकास, बल्कि हम कश्मीर की सांस्कृतिक ऊंचाइयों को भी बहुत जल्दी प्राप्त करेंगे’।
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इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने आठ हजार साल पुराने ग्रंथों का हवाला देते हुए भारत के साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर का नाम ऋषि कश्यप के नाम पर हो सकता है।
शाह ने कहा, ‘इतिहासकारों ने कश्मीर का इतिहास पुस्तकों के जरिए बताने की कोशिश की।
मेरी इतिहासकारों से अपील है कि प्रमाण के आधार पर इतिहास लिखें’। अमित शाह ने कहा कि शासकों के नजरिए से इतिहास लिखने का समय अब चला गया।
अमित शाह ने कहा, ‘डेढ़ सौ साल का एक दौर था, जब इतिहास का मतलब दिल्ली दरीबा से बल्ली मारान तक और लुटियन से जिमखाना तक था। इतिहास यहीं तक सीमित था।
यह समय शासकों को खुश करने के लिए लिखे गए इतिहास से खुद को मुक्त करने का है। मैं इतिहासकारों से अपील करता हूं कि वे हमारे हजारों साल पुराने इतिहास को तथ्यों के साथ लिखें’।
शाह ने कहा कि कश्मीर का भारत से न टूटने वाला जोड़ है। उन्होंने कहा, ‘लद्दाख में मंदिर तोड़े गए, कश्मीर में आजादी के बाद गलतियां हुईं, फिर उन्हें सुधारा गया।
शंकराचार्य का जिक्र, सिल्क रूट, हेमिष मठ से साबित होता है कि कश्मीर में ही भारत की संस्कृति की नींव पड़ी थी। सूफी, बौध और शैल मठ सभी ने कश्मीर में विकास किया’।