नई दिल्ली। भारतीय विमानन कंपनियों की उड़ानों को लगातार मिल रही धमकियों के बीच सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की साइबर विंग के अधिकारी तैनात किए गए हैं। ये अधिकारी रियल टाइम में धमकियों की जांच करेंगे और उनकी गंभीरता का आकलन करेंगे। इस बीच सोमवार को भी धमकियों का सिलसिला जारी रहा। सोमवार को अलग अलग विमानन कंपनियों की 60 उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। हालांकि बाद में सारी धमकियां फर्जी निकलीं।
गौरतलब है कि पिछले 15 दिन से यह सिलसिला शुरू हुआ है और अभी तक 410 उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। शुरुआती दिनों में तो सभी विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग करा कर यात्रियों और विमान की जांच होती थी लेकिन अब प्रोटोकॉल बदल दिया गया है। गौरतलब है कि एक विमान की इमरजेंसी लैंडिंग और जांच के बाद उड़ान भरने में करीब तीन करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आता है। अब तक चार सौ से ज्यादा विमानों को मिली धमकियों की वजह से विमानन कंपनियों को छह सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
बहरहाल, 15 दिन में चार सौ से ज्यादा उड़ानों को बम की धमकी मिलने के बाद सोमवार को एनआईए ने अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर अपनी साइबर विंग के अधिकारियों को तैनात किया है। ये अधिकारी उड़ान में बम की धमकी मिलते ही जांच शुरू कर देगी। धमकी देने वाले का पता लगाने से लेकर हवाई जहाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने में ये अधिकारी भूमिका निभाएंगे। एनआईए के अधिकारियों के अलावा कई हवाईअड्डों पर बॉम्ब थ्रेट असेसमेंट कमेटी यानी बीटीएसी की टीमें तैनात की गई हैं।
बताया गया है कि हवाईअड्डों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एनआईए के साथ कई एजेंसियां काम कर रही हैं। ये एजेंसियां सेफ्टी प्रोटोकॉल तैयार करने में जुटी हैं। बहरहाल, सोमवार को तीन भारतीय विमानन कंपनियों की 60 से ज्यादा उड़ानों में बम की धमकी मिली थी। इनमें एयर इंडिया और इंडिगो की 21-21 उड़ानें शामिल हैं, जबकि विस्तारा की 20 उड़ानों को धमकी। हालांकि जांच में ये सभी धमकियां झूठी निकली थीं।
गौरतलब है कि विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और धमकी देने वालों को पकड़ने के लिए एनआईए के अधिकारियों की तैनाती के साथ साथ केंद्र सरकार ने कई और कदम उठाए हैं। सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 26 अक्टूबर को एडवाइजरी जारी कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा था कि वे ऐसी झूठी सूचनाओं को फौरन हटाएं और नहीं हटाते हैं तो आईटी एक्ट के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। धमकी देने वालों की पहचान होने पर उनको नो फ्लाई लिस्ट में डालने का भी फैसला किया गया है।