नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, सेबी ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई समय सीमा समाप्त होने से पहले अडानी समूह और हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच रिपोर्ट जमा कर दी है। सेबी ने शुक्रवार यानी 25 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की, जिस पर आगे 29 अगस्त को सुनवाई होगी। शेयर बाजार की नियामक एजेंसी सेबी ने एक हलफनामे में सर्वोच्च अदालत को बताया कि इस मामले में 24 मामलों में उसकी जांच में से 22 की रिपोर्ट अंतिम है और दो रिपोर्ट अंतरिम है।
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दो अंतरिम जांच रिपोर्ट के मामले में बाहरी एजेंसियों से जानकारी मिलने का इंतजार है। अंतरिम जांच में अडानी समूह की कंपनियों की 13 विदेशी इकाइयां शामिल थीं। सेबी ने कहा कि जांच के अंतिम नतीजों के बाद ही आगे जरूरी कदम उठाए जाएंगे। बाजार नियामकक ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट यानी पीएफआई पर पांच देशों से जानकारी मांगी है। ध्यान रहे अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आई थी, जिसके बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट हुई थी।
गौरतलब है कि सेबी ने 14 अगस्त को अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च के मामले की जांच पूरी करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का और समय मांगा था। असल में दो मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई थी और सेबी को भी जांच के लिए दो महीने का समय दिया था। सेबी को दो मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन उसक ओर से कोर्ट में पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान जांच के लिए छह महीने का समय मांगा। हालांकि, अदालत ने महीने का समय देने से इनकार कर दिया था। बेंच ने कहा था कि वह अनिश्चित विस्तार नहीं दे सकती। हालांकि इसके अदालत ने सेबी को इसके बाद तीन महीने का और समय दे दिया था।