8th Pay Commission Announced: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों आदि के पुनरीक्षण के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक इसकी मंजूरी दी गई है। आयोग की सिफारिशें 2026 से लागू होंगी। कैबिनेट बैठक के बाद सूचना व प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने आठवें वेतन आयोग के गठन के बारे में बताते हुए कहा, ‘सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, इसकी सिफारिशें 2026 तक जारी रहेंगी’। उसके बाद आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी।
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गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू हुआ था। इससे करीब एक करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशन उठाने वाले लोगों को फायदा हुआ था।
वेतन आयोग हर 10 साल में लागू किया जाता है। तभी माना जा रहा है कि मोदी सरकार एक जनवरी, 2026 से आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर देगी।
इससे केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन और पेंशन बढ़ेगा। कर्मचारी संघ पिछले कुछ दिनों से इसकी मांग कर रहे थे लेकिन कुछ समय पहले ही सरकार ने कहा था कि नए वेतन आयोग के गठन की कोई योजना अभी नहीं है।
बहरहाल, केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों को लेकर वेतन आयोग की जो भी सिफारिश होती है उसे राज्य सरकारें भी लागू करती हैं।
कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले
आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के अलावा गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में और भी कई अहम फैसले हुए।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के रॉकेट लॉन्चिंग सेंटर में तीसरा लॉन्च पैड बनाएगी।
यह 3,985 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। इस फैसले से न्यू जेनरेशन लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यहां से चंद्रयान और मंगलयान जैसे ऐतिहासिक मिशन लॉन्च हुए हैं।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि थर्ड लॉन्च पैड प्रोजेक्ट के तहत इसरो का लक्ष्य है कि श्रीहरिकोटा में अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना की जाए।
इस प्रोजेक्ट के लॉन्च के पीछे एक और कारण यह है कि इसरो श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड को एक स्टैंडबाय लॉन्च पैड के तौर पर रखना चाहता है।
साथ ही इससे भविष्य में भारतीय ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन के लिए लॉन्च क्षमता को बढ़ाने का भी उद्देश्य है। थर्ड लॉन्च पैड प्रोजेक्ट को 48 महीने यानी चार साल की अवधि में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।