रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने नक्सली संगठनों के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े अभियान को अंजाम दिया है। सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को 30 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है। देर रात खबर लिखे जाने तक 28 नक्सलियों के शव बरामद हो गए हैं और बड़ी संख्या में आधुनिक हथियारों का जखीरा मिला है। पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है। अंतिम अपडेट देर से मिलेगी क्योंकि बहुत देर तक रूक रूक कर गोलीबारी होती रही है।
सुरक्षा बलों और नक्सलियों की मुठभेड़ दंतेवाड़ा नारायणपुर जिले की सीमा पर ओरछा थाना इलाके के नेंदुर और थुलथुली गांव के बीच जंगल में हुई। मुठभेड़ के दौरान दो घंटे से ज्यादा समय तक तक रुक रुककर फायरिंग होती रही। इसके बाद जब फायरिंग रुकी तो तलाशी अभियान चलाया गया। सुरक्षा बलों के जवानों ने शाम छह बजे तक भारी मात्रा में एके 47 राइफल और एसएलआर समेत कई हथियार भी बरामद किए। नक्सल विरोधी अभियान की कमान संभालने वाले आईजी सुंदरराज पी ने इसे अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी ऑपरेशन बताया है।
असल में, सुरक्षा बलों को शुक्रवार को एक मुखबिर से सूचना मिली की जंगल में नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फ़िराक में हैं। सूचना मिलने के बाद फोर्स को मौके के लिए रवाना किया गया। जवानों को आता देख नक्सलियों की ओर से फायरिंग शुरू कर दी गई, जिस पर जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ तेज होने के बाद से नक्सली पीछे हट गए। इस मुठभेड़ में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पुलिस आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि दंतेवाड़ा नारायणपुर जिले की सीमा में अबूझमाड़ के थुलथुली गांव के जंगल में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 30 नक्सलियों को मार गिराया गया है।
मुठभेड़ में शामिल सुरक्षा बल में जिला रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी और विशेष कार्य बल यानी एसटीएफ के जवान शामिल थे। करीब छह महीने पहले कांकेर में इसी तरह 29 नक्सली मारे गए थे। इस साल बस्तर क्षेत्र में अलग अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 170 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया गया है। पिछले 11 दिन में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच यह तीसरी मुठभेड़ थी।
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