झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार की देर रात एक हृदय विदारक घटना हुई। झांसी के एक अस्पताल में 10 नवजात बच्चे जल कर मर गए। बताया जा रहा है कि आठ बच्चों का पता नहीं है कि वे कहां और किस हालत में हैं। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज के स्पेशन न्यू बॉर्न केयर यूनिट यानी एसएनयूसी में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। वार्ड की खिड़की तोड़ कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अभी तक आठ बच्चों की सूचना नहीं मिल पाई है।
घटना के बाद जांच में पता चला कि अस्पताल में आग बुझाने का कोई प्रबंध नहीं है। जो उपकरण लगाए गए हैं उनकी वैधता काफी पहले समाप्त हो चुकी है। बताया जा रहा है कि हादसा शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 बजे हुआ। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लगी, फिर धमाका हो गया, जिससे पूरे वार्ड में आग फैल गई। खबरों के मुताबिक वार्ड ब्वॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र चलाया, मगर वह चार साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था, इसलिए काम नहीं किया।
आग की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। खिड़की तोड़कर पानी की बौछारें मारीं। भीषण आग को देखते हुए सेना को बुलाया गया। करीब दो घंटे में आग पर काबू पाया गया। हादसे से जुड़े वीडियो सामने आए हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही इस अस्पताल के न्यू बॉर्न केयर यूनिट को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला बता कर प्रचारित किया गया था। लेकिन आग लगी तो पता चला कि वहां कोई बुनियादी सुविधा भी नहीं है।
बहरहाल, आग लगने और नवजात बच्चों की मौत के बाद एक विवाद यह भी हो गया है कि राज्य के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के दौरे से पहले झांसी के अस्पताल में सड़क की सफाई की गई और चूना डाला गया। इसका वीडियो आने के बाद विवाद बढ़ा तो उप मुख्यमंत्री ने वीडियो जारी कर कहा- डीएम से उन लोगों पर एक्शन लेने के लिए कहा है, जिन्होंने चूना छिड़कवाया था। इधर, हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक की। उन्होंने कमिश्नर और डीआईजी को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए। शनिवार की सुबह पांच बजे झांसी पहुंचे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा- हादसे की तीन जांच होगी। एक जांच स्वास्थ्य विभाग कराएगा। दूसरी जांच पुलिस करेगी और तीसरी जांच मजिस्ट्रेट से कराई जाएगी। अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।