ओडिशा में रूसी नागरिकों की हुई मौत के बारे में अगर आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी को मानें, तो यह महज एक संयोग है। लेकिन संयोग ऐसा है, जिसको लेकर सहज ही मन में कई सवाल उठते हैँ।
ओडिशा में एक के बाद एक तीन रूसी नागरिकों की मौत की खबर रहस्यमय है। अगर आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी को मानें, तो यह महज एक संयोग है। लेकिन संयोग ऐसा है, जिसको लेकर सहज ही मन में कई सवाल उठते हैँ। ओडिशा पुलिस ने बताया है कि राज्य में 3 जनवरी को एक और रूसी मृत पाया गया। मृत रूसी नागरिक की पहचान मिलयाकोव सर्गेई के रूप में हुई है। उनका शव पारादीप बंदरगाह पर लंगर डाले एक जहाज पर मिला। 51 वर्षीय सर्गेई एमबी अल्दनाह जहाज के चीफ इंजीनियर थे। यह जहाज पारादीप के रास्ते बांग्लादेश से मुंबई जा रहा था। पुलिस के मुताबिक वे सुबह करीब 4.30 बजे अपने जहाज के चेंबर में मृत पाए गए। फिलहाल पुलिस मौत के कारणों के बारे में कुछ नहीं बताया है। सिर्फ यह कहा गया है कि मामले की जांच की जा रही है। इससे पहले 24 दिसंबर को 65 साल पावेल एंतोव ओडिशा में रायगढ़ के एक होटल में एक मृत मिले थे। बताया गया कि एंतोव की होटल की तीसरी मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई। एंतोव खून से लथपथ होटल के बाहर मिले थे।
उनकी मौत से ठीक दो दिन पहले एक और रूसी नागरिक 61 साल के व्लादिमीर बिदेनोव की उसी होटल में मौत हुई थी। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि बिदेनोव की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। वैसे ओडिशा पुलिस ने इन मौतों के सिलसिले में एंतोव और बिदेनोव के साथ यात्रा कर रहे दो और रूसी नागरिकों से भी पूछताछ की थी। एंतोव सिर्फ एक नेता ही नहीं, बल्कि एक बड़े कारोबारी भी थे। हालांकि वे रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी के सदस्य थे, लेकिन रूस के यूक्रेन पर हमले के कड़े आलोचक थे। यूक्रेनी मीडिया के मुताबिक एंतोव ने सोशल मीडिया पर यूक्रेन पर रूसी हमले की आलोचना की थी और उसे आतंकवादी कार्य करार दिया था। इस पृष्ठभूमि में उनकी हुई मौत को लेकर अगर संदेह खड़ा हुआ, तो यह बेजा नहीं है। हालांकि पुलिस इन संदेहों को तव्वजो नहीं दे रही है, लेकिन रहस्य बना हुआ है।