राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

नाग पंचमी का महापर्व आज, जानें इच्छाधारी नाग-नागिन के बदले लेने के रोचक किस्से…

Naag Panchmi 2024

Naag Panchmi 2024: महादेव के सावन का पवित्र महीना चल रहा है और इसमे कई महत्वपूर्ण त्योंहार और पर्व आते है. जिसमें से नाग पंचमी का त्योंहार अतिमहत्वपूर्ण माना जाता है. आज 9 अगस्त को नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन नागदेवता प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. नाग पंचमी पर जीवित सांप की पूजा किसी भी हालात में नहीं करनी चाहिए. सांप दूध पचा नहीं सकते हैं, इसलिए सांपों को दूध नहीं पिलाना चाहिए. दूध की वजह से सांप को निमोनिया हो जाता है, जिससे वो मर सकता है. शिवलिंग पर स्थापित नाग देव की प्रतिमा का दूध से अभिषेक करना चाहिए. भारत में सांपों की 328 तरह की प्रजातियां हैं और मध्य प्रदेश में 48 तरह के सांप हैं.

aslo read: मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी

पौराणिक कथाओं के अनुसार नागों की उत्पत्ति कश्यप ऋषि और कद्रु से हुई है. महाभारत में बताया गया है कि ऋषि कश्यप और दक्ष पुत्री कद्रु से नागों का जन्म हुआ है. कद्रू और कश्यप से एक हजार नाग प्रजातियों का जन्म हुआ था. इनमें से आठ नाग प्रमुख थे. वासुकि, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पद्म, शंख, चूड़, महापद्म और धनंजय. वासुकि सभी नागों के बड़े भाई माने जाते हैं. वासुकि के अलावा तक्षक नाग का भी जिक्र भी शास्त्रों में कई जगह मिलता है. तक्षक नाग ने ही राजा परीक्षित को डंसा था।

मणिधारी या इच्छाधारी सापं होते है?

पौराणिक कथाओं के अनुसार कुछ सांप मणिधारी होते है लेकिन इस बात को विज्ञान नहीं मानता है. अभी तक किसी भी ऐसे रिसर्च में किसी ऐसे सांप के बारे में जानकारी नहीं मिली है. यह केवल एक भ्रम है.

कोबरा सांप जब अपना फन फैलाता है तो उसके फन पर एक चमकीला निशान दिखाई देता है. अंधेरे में जब इस पर प्रकाश पड़ता है तो यह चमकता है. लोग इसे ही मणि मान लेते है.
इच्छाधारी सापं जैसी बातें केवल कहानियों में ही प्रचलित है. वास्तविकता में ऐसा कोई सांप नहीं होता है. इस संबंध में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है.

क्या नाग-नागिन लेते है बदला

ये बात बिल्कुल भी सत्य नहीं है. क्योंकि सांप किसी भी घटना को याद नहीं रख पाते है. सांप के दिमाग में पुरानी यादों को इक्कठा करने कोई जगह नहीं होती है. सांप बार-बार जीभ बाहर निकालते है तो एक विशेष प्रकार का रसायन छोड़ते है. इस रसायन से दूसरे सांपो को संकेत मिलता है और इसकी मदद से सांप एक-दूसरे से संवाद करते है.

जब कोई इंसान सांप तो मार देता है तो वह उस समय बहुत सारा रसायन छोड़ता है इसकी मदद से सांप उस मरे हुए सांप तक पहुंचते है और लोगों को लगता है कि बदला लेने आए है.

अगर किसी व्यक्ति ने सांप को मारा है और उसके कपड़ों पर सांप का खून लगा है तो अन्य सांप उस खून को सूंघते हुए उस व्यक्ति तक पहुंच जाते है.

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें