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इन महिलाओं को भूलकर भी नहीं करना चाहिए करवा चौथ का व्रत

Karwa Chauth 2024Image Source: amar uajala

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ का व्रत हर साल शरद पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को रखा जाता है। इस व्रत का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व इतना गहरा है कि कहा जाता है कि इसके प्रभाव से सुख, समृद्धि और पति की लंबी आयु प्राप्त की जा सकती है। इस वर्ष करवा चौथ 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा, और महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास कर अपने पति की खुशहाली और दीर्घायु की प्रार्थना करेंगी।हालांकि यह व्रत सभी महिलाओं को करना चाहिए, लेकिन कुछ स्थितियों में स्त्रियों को यह व्रत नहीं करना चाहिए।परंतु यह व्रत किसे नहीं रखना चाहिए? आइए जानते हैं विस्तार से… (Karwa Chauth 2024)

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किसी के दबाव में आकर:- किसी के मन में व्रत को लेकर इतना लगाव या विश्वास नहीं रहता है, लेकिन फिर भी घर के बड़े सदस्यों या सास के कहने पर व्रत रखना पड़ता है। इस प्रकार किसी के जबरदस्ती कहने पर किए गए व्रत का कोई परिणाम नहीं मिलता है। आस्था और भावना के अभाव में इस व्रत को नहीं करना चाहिए।

घर में सोहर या सूतक होने पर:- यदि घर में किसी का जन्म हुआ है या किसी की मृत्यु हुई है तो ऐसी परिस्थिति में पूजा पाठ वर्जित है। व्रत रख सकते हैं, यदि आप रख सके तो, परंतु पूजा पाठ नहीं करते हैं।

पति से अलग रह रही महिलाएं:- आपसी मनमुटाव के कारण कई बार पति-पत्नी अलग हो जाते हैं। पति से अलग हुई स्त्री को व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि पति में विश्वास और प्रेम भाव नहीं होने के कारण व्रत रखने का कोई मतलब नहीं रहता है। क्रोध और क्लेश के कारण पति के प्रति अच्छी भावना नहीं आ पाती है। आपसी मतभेद दूर करने के बाद ही इस व्रत को करना चाहिए।

बिना शादी के साथ रह रही महिलाएं:- ऐसी महिलाएं जो बिना सात फेरे लिए लिव इन रिलेशनशिप या कोर्ट मैरिज करके ही साथ रहती हैं, उन्हें भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए, क्योंकि सात फेरे लिए बगैर रहना हिंदू परंपरा के अनुसार मंगल नहीं माना जाता है। मंगल और शुभ कार्यों में पति के साथ उसकी अर्धांगिनी यानी पत्नी ही शामिल हो सकती है। बिना शादी के कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है।

पति के अलावा अन्य पुरुष से लगाव:- कई बार शादी कहीं और हो जाती है परंतु लगाव किसी और से होता है। अन्य पुरुष से संबंध रखने वाली महिला को भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने पर उसे माता करवा के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है। करवा चौथ का व्रत पति के प्रति समर्पण की भावना को दर्शाता है। चांद को देखने का अर्थ यह है कि आपके पति की मूरत आपके मन में बसी है परंतु किसी और के लिए मन में स्थान होने पर यह व्रत नहीं करना ही श्रेयष्कर है। पहले पराए पुरुष का मन से त्याग कर यह व्रत रख सकते हैं।

गर्भवती महिलाएं:- परंपरा के अनुसार ऐसा नहीं है कि वे व्रत नहीं रख सकती, स्वास्थ्य की दृष्टि से उन्हें ऐसा कहा गया है क्योंकि ऐसी अवस्था में भूखा रहना उनके लिए अच्छा नहीं है, उन्हें माता की केवल पूजा कर लेनी चाहिए। (Karwa Chauth 2024)

दुग्ध पान कराने वाली महिलाएं:- इस अवस्था में अपने साथ-साथ शिशु का भी ध्यान रखना होता है। खाना नहीं खाने पर शरीर में कमजोरी के कारण आप परेशानी में पड़ सकती हैं।

गंभीर बीमारी से ग्रस्त महिलाएं:- जिन महिलाओं को शुगर, अल्सर, किडनी की बीमारी, कैंसर, एनीमिया है या किसी प्रकार की सर्जरी हुई है तो ऐसी परिस्थिति से गुजर रही महिलाओं को भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि व्रत रखने से उनकी सेहत पर विपरीत प्रभाव हो सकता है।

कुंवारी लड़कियां:- कुंवारी लड़कियों को यह व्रत इसलिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि अभी उनका विवाह नहीं हुआ है और यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इसी के साथ ही चांद एवं पति का चेहरा देखकर व्रत खोलने की परंपरा है। पति ही व्रत का पारायण करवाता है।

मासिक धर्म:- मासिक धर्म होने पर व्रत किया जा सकता है परंतु पूजा-पाठ नहीं किया जा सकता। ऐसी परिस्थिति में आप अपनी तरफ से किसी और से पूजा करने का कह सकती हैं लेकिन आप पूजा सामग्री को स्पर्श न करें, इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

व्रत में अविश्वास की भावना:- किसी भी चीज में अविश्वास होने पर उसे नहीं करना चाहिए। कई बार किसी की देखा देखी कई लोग काम कर लेते हैं और बाद में वे बस अनमने मन से उसे करते रहते हैं। यदि आप भी बिना मन से व्रत करते हैं तो ऐसे व्रत का कोई महत्व नहीं रहता है। अच्छे और साफ मन से व्रत रखें।

उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखकर व्रत करेंगे तो करवा माता और मां पार्वती का आपको आशीर्वाद मिलेगा।

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