राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

शारदीय नवरात्र का छठा दिन किस देवी को समर्पित, श्रीकृष्ण से जुड़ी कथा….

Shardiya Navratri Day 6Image Source: news18

Shardiya Navratri Day 6 : शक्ति का उपासना पर्व शारदीय नवरात्र चल रहा है. आज शारदीय नवरात्र का छठा दिन है. नवरात्र के 9 दिनों में माता रानी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है. माता रानी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है. शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की चार भुजाएं होती हैं और उनका स्वरूप काफी विशाल होता है. इसके साथ ही मां कात्यायनी का चेहरा काफी चमकदार होता है. आइये जानते हैं कि मां कात्यायनी का जन्म कैसे हुआ……..

नवरात्रि के छठें दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा मनचाहा जीवन साथी पाने की कामना से की जाती है. द्वापर युग में श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए गोकुल-वृंदावन की गोपियों ने देवी के इस स्वरूप की पूजा की थी. देवी लाल, हरे, पीले वस्त्रों में दर्शन देती हैं, इसलिए इनकी पूजा में लाल, पीले या हरे कपड़े पहनें और शहद का भोग लगाएं.

also read: हरियाणा, कश्मीर के चुनाव का संदेश 

मां कात्यायनी के जन्म की पौराणिक कथा

वन में एक महर्षि रहते थे जिनका नाम कत था. उन्हें एक बेटा हुआ जिनका नाम कात्य पड़ा. इसी गोत्र में महर्षि कात्यायन का जन्म हुआ. लेकिन महर्षि को कोई संतान नहीं हुई. संतान सुख की प्राप्ति के लिए उन्होंने तप किया और उनके तप से खुश होकर माता परम्बरा ने उन्हें कात्यायनी के रूप में बेटी दी. कात्यायन की बेटी होने की वजह से उनका नाम कात्यायनी पड़ा. माता ने ही खतरनाक असुर महिषासुर का सर्वनाश कर दिया था.

मां कात्यायनी की पूजा का महत्व

मां कात्यायनी की पूजा का बहुत महत्व है. कहते हैं कि अगर भक्त सच्चे मन से माता रानी की पूजा करें तो उन्हें बहुत लाभ होता है. उन्हें अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. इसके अलावा माता रानी अपने भक्तों पर विशेष कृपा भी बरसाती हैं. अगर किसी को शादी में बाधा हो रही है तो ऐसे लोगों पर भी माता की कृपा बरसती है और उनकी शादी से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है.

भगवान कृष्ण से जुड़ी कथा

माता कात्यायनी को बृज मंडल की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है और कृष्ण से जुड़ी एक पौराणिक कहानी भी है. ऐसा माना जाता है कि कृष्ण की प्राप्ति के लिए राधा समेत सभी गोपियों ने माता कात्यायनी की पूजा की थी जिससे माता कात्यायनी बहुत खुश हुई थीं. उनके कहने के बाद ही कृष्ण की प्राप्ति गोपियों को हुई. कृष्ण की रासलीला माता कात्यायनी के ही प्रसंग से जुड़ी हुई है.

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें