properties of tamarind : उलझी हुई सी स्वाद में खट्टी इमली गला खराब ही नहीं करती आवाज को सुरीली बनाने का काम भी करती है।
कहा तो ये भी जाता है कि तानसेन की आवाज में मिठास भी इमली की पत्तियां चबा कर आई थी। सो कह सकते हैं कि इस भूरे रंग की इमली में गुण कम नहीं है।
उत्तर भारत में तो कम लेकिन दक्षिण भारत में इसका खूब प्रयोग किया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो सर्दियों में इसको अपनी खाने में शामिल करने से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है।
इमली में पॉलीफेनॉल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर के ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। इससे मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा होता है।
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साथ ही इसमें कई तरह के प्रोटीन भी पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर कंट्रोल करके न सिर्फ आपका वजन कम करने में यह सहायक होते हैं, बल्कि जो लोग घंटों जिम जाकर पसीना बहाते हैं,उनके लिए भी यह फायदेमंद होती है।
उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के मुखिया डॉक्टर अमित कुमार ने बताया इमली कोलेस्ट्रॉल को घटाने में सहायक होती है।
अमूमन हार्ट अटैक के ज्यादा मामले सर्दियों में ही पाए जाते हैं। इमली का सेवन सर्दियों में करने से कोलेस्ट्रॉल कम रहता है, जिससे हार्ट अटैक की घटनाएं कम हो जाती है। इसके अलावा इमली में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कैंसर से बचाव में मददगार होते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती(Tamarind)
ये एंटी-ऑक्सिडेंट्स फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान को कम करने का काम करते हैं, जिससे ऑक्सीडेटिव डैमेज कम होता है और शरीर के सेल्स सुरक्षित रहते हैं।
कैंसर से बचाव के लिए शरीर में होने वाले सेल डैमेज को रोकना बेहद जरूरी होता है। डॉक्टर अमित आगे कहते हैं इमली के एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।
यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। इतना ही नहीं इमली शरीर में सूजन को कम करने में भी कारगर होती है, जो इम्यूनिटी को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है।
इमली में फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो दिल का ख्याल रखता है। ये फ्लेवोनोइड्स बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं, जिससे आर्टरी में ब्लॉकेज का खतरा घटता है और हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है। इमली से पाचन तंत्र सही रहता है।
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डॉक्टर अमित कहते हैं इमली पाचन क्रिया को सुधारने में भी मददगार होती है। इसमें कुछ ऐसे एसिड्स होते हैं, जो पाचन को बेहतर बनाते हैं।
इसके सेवन से डायरिया और पेट दर्द की समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। साथ ही, यह वजन घटाने में भी मदद करती है क्योंकि इसमें फैट्स नहीं होते और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो वजन घटाने के लिए जरूरी होते हैं।
इमली में कई जरूरी एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं, जो शरीर के टिशू के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इनकी कमी से शरीर के टिशू कमजोर हो सकते हैं। इसलिए, इमली का सेवन शरीर के टिशू को मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है।