Shortest Day of the Year: हर साल दिसंबर में एक ऐसा दिन आता है जो सबसे छोटा होता है, जिसे अंग्रेजी में विंटर सॉल्सटिस (Winter Solstice) कहा जाता है।
यह दिन 21 या 22 दिसंबर को पड़ता है। इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है, जिससे दिन का समय कम और रातें लंबी हो जाती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं। यह समय सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर बढ़ने की तैयारी का संकेत देता है।
उत्तरायण का समय शुभ और उन्नति का प्रतीक माना जाता है, जिसमें प्रकृति और मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह दिन न केवल खगोलीय बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सूर्य की उत्तरायण यात्रा के साथ नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है, जो जीवन में सुख-समृद्धि का प्रतीक है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
मकर संक्रांति को भगवान सूर्य के उत्तरायण की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, उत्तरायण को पॉजिटिव एनर्जी का समय माना जाता है।
सूर्य, जिसे जीवन का मुख्य कारक कहा गया है, साल के सबसे छोटे दिन अपनी ऊर्जा के न्यूनतम स्तर पर होता है।
ज्योतिष के अनुसार, कमजोर सूर्य का प्रभाव इंसान के आत्मबल और स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इस दौरान व्यक्ति में थकान, नकारात्मकता या मानसिक अस्थिरता महसूस हो सकती है।
धनु राशि में सूर्य का गोचर(Shortest Day of the Year)
इस समय तक सूर्य धनु राशि में गोचर कर चुका होता है, जो गुरु बृहस्पति के प्रभाव में रहती है। यह अवधि अध्यात्म और ज्ञान प्राप्ति के लिहाज से बेहद शुभ मानी जाती है। आत्मचिंतन, ध्यान और सकारात्मकता के लिए यह समय सर्वोत्तम होता है।
सूर्य के उत्तरायण होते ही सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में नए अवसरों का संचार शुरू होता है। यह समय उन्नति और सफलता की ओर अग्रसर होने का संकेत देता है। मकर संक्रांति के साथ यह बदलाव और भी शुभ माना जाता है।
साल के सबसे छोटे दिन पर करें ये काम
साल का सबसे छोटा दिन अंधेरे से उजाले की और बढ़ने का प्रतीक भी माना जाता है. इस समय नेगिटिव एनर्जी, आदतों को छोड़ देना चाहिए और जीवन में नया संकल्प लेना चाहिए. साल के सबसे छोटे दिन दान भी किया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना शुभ होता है. कमजोर सूर्य को बल देने के लिए इस ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए. साथ ही गायत्री मंत्र के जप से भी लाभ मिलता है.
आयुर्वेद के मुताबिक,साल के सबसे छोटे दिन शारीरिक शुद्धता और आने वाली सर्दी से बचने के भी संकेत प्राप्त होते हैं. सूर्य के कमजोर होने के चलते शरीर में एनर्जी कम हो सकती है. इसलिए इस दिन सात्विक खाना ही खाना चाहिए.