Sawan 2024 : हिंदू कैलेंडर के अनुसार पांचवा महीना महादेव का प्रिय श्रावण माह का होता है. सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत खास और पवित्र माना जाता है. सावन के महीने में ना सिर्फ वर्षा ऋतु का आगमन होता है बल्कि इस महीने को भक्ति, आध्यात्मिकता और उत्सवों का महीना भी कहा जाता है. श्रावण मास के इस पवित्र महीने से ही हिंदुओं के विभिन्न त्योहार शुरू हो जाते हैं और चारों तरफ भक्तिमय माहौल हो जाता है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस पूरे महीने भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन व्रत-पूजा अर्चना करते हैं. सावन का महीना जहां भक्ति और उत्सव के लिए जाना जाता है, वहीं यह महीना अपनी हरियाली, ठंडी हवाओं और झीलों में खिलते कमल के फूलों के लिए भी जाना जाता है. इस महीने में प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम स्तर पर होता है. सावन के महीने में कुंवारी कन्याओं और सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने हाथों में मेहंदी लगाने ओर पेड़ों पर झूले डालने की भी परंपरा है.
सावन में मेहंदी लगाने के कुछ कारण
सावन के महीने में विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार के साथ मेहंदी भी लगाती है. इसके पीछे कुछ मान्यताएं हैं जैसे कि, विवाहित महिलाओं के लिए, मेहंदी उनके पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक होती है. मेहंदी लगाने से पति पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है जिससे उनका रिश्ता मजबूत होता है. मेहंदी में शीतलता प्रदान करने का गुण होता है, यह शरीर को ठंडक प्रदान करती है. मेहंदी त्वचा और बालों को मुलायम और चमकदार भी बनाती है. माना जाता है कि मेहंदी लगाने से भगवान शिव और माता पार्वती खुश होते हैं.
सावन में झूला झूलने की परंपरा
सावन के महीने में झूला डालने और झूलने की भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है. सावन में झूला झूलने के पीछे कुछ मान्यताएं हैं. माना जाता है कि सबसे पहले भगवान कृष्ण ने राधा रानी को सावन में ही झूला झुलाया था. तभी से सावन में झूला झूलने की परंपरा चलती आ रही है. झूला झूलना पवित्रता का भी प्रतीक माना जाता है. झूला झूलना मानसून ऋतु के आगमन का उत्सव भी माना जाता है.