Dhanteras 2024 Date And Time: शक्ति का पर्व शारदीय नवरात्र का पवित्र त्योंहार चल रहा है. 12 अक्टूबर को असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाएगा. दशहरे के ठीक 15 दिन बाद हिंदु धर्म का सबसे बड़ा त्योंहार दीपावली का पर्व मनाया जाएगा. लेकिन इस बीर दीवाली के पर्व पर संशय बना हुआ है. दीवाली 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को? दीपोत्सव का पर्व 5 दिन तक मनाया जाता है. दीपोत्सव के पर्व की शुरूआत धनतेरस के पर्व के साथ होती है. अब सवाल यह है कि धनतेरस कब मनाएं…कौनसी तिथी सही रहेगी.
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धनतेरस किस देवता को समर्पित
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है. इस विशेष दिन पर भगवान धन्वंतरी, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. आपको बता दें कि भगवान धन्वंतरी को आरोग्य के देवता माना जाता है. माता लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं और कुबेर जी को धन के देवता माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि भगवान धन्वंतरी की आराधना करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, वहीं माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा से अपार धन-संपत्ति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन सोना, चांदी, और बर्तन खरीदने की परंपरा भी अत्यंत शुभ मानी जाती है, जो घर में समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक होती है।
धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10.31 मिनट पर होगी, त्रयोदशी तिथि का समापन बुधवार 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1.15 मिनट पर होगा. उदय तिथि के अनुसार धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत मंगलवार 29 अक्टूबर शाम 6.31 मिनट से लेकर 8.13 मिनट तक रहेगा, इस बार धनतेरस की पूजा के लिए कुल 1 घंटा 41 मिनट का समय मिलेगा.
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में धन्वंतरि देव के साथ मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की तस्वीर या मूर्ति स्थापना करें. इसके बाद कुबेर देव और धन्वंतरि देव की पूजा करें. फिर घी का दीपक जलाएं और शाम में द्वार पर भी दीपक जलाएं. धनतेरस के धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं. उसके बाद मंत्रों का जाप करें और आरती करें. (Dhanteras 2024 Date And Time)
धनतेरस का महत्व
यह त्योहार भगवान धन्वंतरि की जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन के दौरान हाथों में अमृत से भरा स्वर्ण कलश लेकर प्रकट हुए थे. भगवान धनवंतरी ने कलश में भरे अमृत को देवताओं को पिलाकर अमर कर दिया. इस दिन धन्वंतरि देव की पूजा करने से व्यक्ति को निरोगी जीवन मिलता है और उसकी सेहत हमेशा अच्छी रहती है.