हिन्दू धर्म में हर त्योहार बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। भगवान Shiv का प्रिय माह सावन 22 जुलाई से शुरू हो चुका है। इस माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है। कहा जाता हैं कि भोलेनाथ सबसे ज्यादा कृपालु और दयालु हैं। ऐसे में सावन के पूरे माह एक लोटा जल अर्पित करने से भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन के पवित्र माह में नियमित रूप से शिव जी की पूजा और आरती विशेष लाभ प्रदान करती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म शास्त्रों में आरती के खास नियमों का जिक्र किया गया है। देवी-देवताओं की आरती करते समय अगर कुछ नियमों का ध्यान न रखा जाए, तो व्यक्ति को पाप लगता है। इतना ही नहीं, पूजा खंडित हो जाती है और भगवान की नाराजगी का सामना करना पड़ता है चलिए जानते हैं भगवान शिव की आरती करते समय किन नियमों और बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बैठकर आरती कर सकते हैं?
अगर आप सावन में भगवान शिव की आरती कर रहे हैं, तो हाथ जोड़कर शिव जी और शिवलिंग को नमस्कार करें। इसके बाद 3 फूल अर्पित करें और फिर इसके बाद आरती करना शुरू करें। बता दें कि शिव जी और शिवलिंग की आरती एक ही स्थान पर खड़े होकर करें। शास्त्रों में बैठकर आरती करना शुभ माना गया है।
इस हाथ से करें आरती
शिवलिंग और शिव जी की आरती करते समय थोड़ा-सा झुककर दाएं हाथ से आरती करना शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार आरती करते समय बात करने से आरती खंडित हो जाती है, जिससे साधक को पाप लगता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक दिन में व्यक्ति करीब 5 बार आरती कर सकता है। सुबह 3 बार और शाम को 2 बार आरती करना शुभ माना गया है।
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Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते है।