Ghatiya Ghat Mata Temple Madhya Pradesh: भारत प्राचीन मंदिरों और अनोखे रहस्यों का देश है, जिसे अक्सर “मंदिरों का देश” कहा जाता है। यहां के कई मंदिर अपनी अद्भुत और रहस्यमयी घटनाओं के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं।
इन घटनाओं की गुत्थी आज तक विज्ञान भी सुलझा नहीं पाया है, लेकिन इन्हीं रहस्यों की वजह से ये मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने हुए हैं।
ऐसा ही एक चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर है, जहाँ पिछले कई वर्षों से सिर्फ पानी से दीपक जलाया जाता है। यह सुनने में भले ही अविश्वसनीय लगे, लेकिन यहां हर रोज यह चमत्कार होता है।
इस अद्भुत घटना को देखने और भगवान के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से भक्त बड़ी संख्या में आते हैं। यह मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का भी उदाहरण है।
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इस मंदिर में पानी से जलता है दीया
यह मंदिर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में कालीसिंध नदी के किनारे आगर-मालवा के नलखेड़ा गांव से करीब 15 किमी दूर गाड़िया गांव के पास स्थित है. इस मंदिर को गड़ियाघाट वाली माताजी के नाम से जाना जाता है.
बताया जाता है कि इस मंदिर में सालों से एक महाज्योति जल जल रही है. इस यह माता के सामन जलने वाला यह दीपक बिना किसी तेल, घी या ईंधन से जल रहा है.
हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह दीपक मंदिर के पास बहन वाली कालीसिंध नदी के पानी से जलता है. बताया जाता है कि इस मंदिर में रखे दीपक में जब पानी डाला जाता है, तो वह चिपचिपे तरल में बदल जाता है और दीपक जल उठता है.
माता ने दिया आदेश
कहा जाता है कि पहले इस मंदिर का दीपक बाकी मंदिरों की तरह तेल और घी से जलाया जाता है. लेकिन बार माता ने पुजारी को सपने में दर्शन दिए और नदी के पानी के दीपक जलाने का आदेश दिया.
जिसके बाद पुजारी ने वैसा ही किया और एक दिन नदी का पानी दीपक में भरकर जैसे ही बाती को जलाया, तो जोत जलन लगी. कहां जाता है कि तब से ही मंदिर में पानी से दीपक जलाया जाता है.
जब इस चमत्कार के बारे में लोगों को पता चला तब से बहुत से लोग रोजाना इस चमत्कार को देखने के लिए इस मंदिर में आते हैं.
बरसात में नहीं जलता दीपक (Ghatiya Ghat Mata Temple Madhya Pradesh)
इस मंदिर में बरसात के मौसम में दीपक नहीं जलता है. दरअसल बरसात के दौरान कालीसिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से यह मंदिर पानी में डूब जाता है.
जिसकी वजह से यहां पूजा करना संभव नहीं होता है. इसके बाद जैसे ही मंदिर से पानी नीचे जाता है और शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हौती है. तभी मंदिर में फिर से अखंड ज्योत जलाई जाती है. जोकि अगले साल वर्षाकाल तक जलती है. (Ghatiya Ghat Mata Temple Madhya Pradesh)
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. nayaindia इसकी पुष्टि नहीं करता है.