Sawan Festival: आज सावन का तीसरा सोमवार है। वैसे तो इस माह के सभी दिन ही महत्वपूर्ण होते है। लेकिन सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है। सावन के माह में कई बड़े व्रत और त्योंहार देखने को मिलते है जिनकी पूजा से बड़ा ही लाभ होता है।
सावन के इस महीने में शिव जी के साथ ही देवी पार्वती, गणेश जी और नाग देव की पूजा के व्रत-पर्व रहेंगे. 7 अगस्त को हरियाली तीज, 8 अगस्त को गणेश चतुर्थी व्रत और 9 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। सावन शिव जी की विशेष पूजा का महीना होता है।
इस महीने में कुछ तिथियों का महत्व विशेष होता है। जैसे इस महीने की अमावस्या, हरियाली तीज, नाग पंचमी और पूर्णिमा का महत्व अधिक है। सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन की पर्व मनाया जाता है।
हरियाली तीज पर करें देवी पार्वती की विशेष पूजा
7 अगस्त को हरियाली तीज है। इस दिन देवी पार्वती की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस दिन शिव जी के साथ देवी पार्वती का विशेष अभिषेक करें। (Sawan Festival) प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा के बाद शिव-पार्वती का अभिषेक जल, दूध, दही, पंचामृत से करें। शिवलिंग पर चंदन का लेप करें और देवी पार्वती का सुहाग की चीजों से श्रृंगार करें। देवी को लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, कुमकुम, लाल फूल आदि चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं, आरती करें। ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करें। मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन किसी महिला को सुहाग का सामान दान करें।
गणेश चतुर्थी पर ऐसे कर सकते हैं व्रत
8 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर सुबह गणेश पूजा में चतुर्थी व्रत करने का संकल्प लें। दिनभर निराहार रहें। भूखे रहना संभव न हो तो फलों के रस और दूध का सेवन करें। फल खाएं। गणेश जी के मंत्रों का जप करें। गणेश मंदिर में दूर्वा और नारियल चढ़ाएं।
नाग पंचमी पर नाग देव का पूजन करें
नाग पंचमी (9 अगस्त) को जीवित नाग की पूजा करने से बचें। इस दिन नाग देव की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा करें। शिवलिंग पर स्थापित नाग देव का अभिषेक करें। जीवित नाग को दूध न पिलाएं, क्योंकि यह सांपों के लिए हानिकारक होता है। दूध नाग देव की प्रतिमा पर चढ़ाएं। इस तिथि पर उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के ऊपरी तल पर नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन की परंपरा है। यह मंदिर साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर ही खुलता है।
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