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ॐ का उच्चारण करते समय इन बातों का रखें ध्यान, अन्यथा हो सकता है उल्टा असर

Om Jaap Rule

Om Jaap Rule: सावन का महीना चल रहा है और यह माह महादेव को अत्यंत प्रिय होता है. इस महीने में शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. शिवशक्ति को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त अनेक जप-तप करते है.(Om Jaap Rule)

वैसे तो महादेव शीतल जल से भी प्रसन्न हो जाते है. लेकिन फिर भी महादेव के भक्त उनके लिए जाप करते है. यह केवल शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ही नहीं अपितु इससे मन को शांति भी मिलती है. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में मंत्रों का जाप करना बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है.

सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए मंत्र का जाप करते है उसमें ॐ का उच्चारण तो होता ही है. यही वजह है कि हर शुभ कार्य को मंत्रों से जोड़कर देखा जाता है.

ॐ एक ऐसा अक्षर है जिसके ध्वनि को सनातन धर्म में बहुत पवित्र माना गया है, इसका जाप करने से आस पास की नकारात्मकता खत्म हो जाती है. ॐ हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और शक्तिशाली शब्द माना जाता है.

मान्यताओं के अनुसार ॐ अपने आप में पूरे ब्रह्मांड को समाहित किया हुआ है. ॐ का जाप करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. आइए जानते है ॐ के जाप के फायदे और सही तरीके…

ॐ का महत्व

ॐ शब्द ब्रह्मांड के सृजन, पालन और संहार को दर्शाता है. ॐ को सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नियमित रूप से ॐ का जाप करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है.

आत्मज्ञान प्राप्त करने में ॐ का जाप मदद करता है, साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.

उच्चारण करने का सही तरीका

शांत वातावरण में ॐ का जाप बहुत ध्यान से करना चाहिए. ध्यान मुद्रा में बैठकर ॐ का जाप करें. गहरी सांस लें और ॐ का उच्चारण करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें.

आप अपनी सुविधा के अनुसार ॐ का जाप कर सकते हैं. अपनी क्षमता अनुसार, 21 से लेकर 108 बार तक ॐ का उच्चारण कर सकते हैं.

ॐ जाप के फायदे

ॐ का जाप तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है. ॐ का जाप मन को शांत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है. ॐ का जाप आत्मविश्वास बढ़ाता है, साथ ही आध्यात्मिक विकास में मदद करता है.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए नया इंडिया उत्तरदायी नहीं है।

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