Janmashtami 2024: सावन का महीना खत्म होने को है. सावन के महीने के बाद जन्माष्टमी का त्योंहार बनाया जाता है. रक्षाबंधन के आठ दिनों के बाद भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. जन्माष्टमी को लेकर भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है. लोग व्रत रखने के साथ घरों में भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिए मिष्ठान से लेकर तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. देशभर के हर छोटे और बड़े मंदिर में इस दिन खास तैयारियां की जाती हैं और दही हांडी के आयोजन किए जाते हैं. इन जगहों पर जाना आपके लिए लाइफटाइम यादगार हो सकता है.
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पूरे देश में जन्माष्टमी के दिन एक अलग ही धूम देखने को मिलती है. बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी गोविंदा के रंग में रंगे नजर आते हैं और बड़े ही धूमधाम से अपने कान्हा का जन्मदिन मनाते हैं. इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त दिन सोमवार को सेलिब्रेट की जाएगी. क्या आपको पता है कि देशभर में किन जगहों की जन्माष्टमी बेहद खास होती है.
वृंदावन और मथुरा
भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन और उनके जन्मस्थान मथुरा में तो जन्माष्टमी हमेशा ही सबसे खास होती है. यहां हर गली, नुक्कड़ पर कृष्ण नाम की गूंज सुनाई देती है. वृंदावन मथुरा में देश से लेकर विदेश तक से लोग इस दिन के सेलिब्रेशन को देखने के लिए उमड़ते हैं. खासतौर पर बांकेबिहारी मंदिर और इस्कॉन टेंपल की जन्माष्टमी का नजारा देखने लायक होता है.
गुजरात द्वारका
द्वारकाधीश की नगरी द्वारका का जन्माष्टमी महोत्सव भी बेहद खास होता है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, द्वारका में भगवान कृष्ण का राज्य था. यहां पर जन्माष्टमी की धूम एक या दो दिन नहीं बल्कि पूरे एक महीने देखने को मिलती है. इस उत्सव के दौरान झाकियां, गरबा, रास जैसे प्रोग्राम भी होते हैं और पूरे शहर में भक्तिमय माहौल रहता है.
मुंबई का जन्माष्टमी सेलिब्रेशन
जन्माष्टमी सेलिब्रेशन को लेकर मुंबई-महाराष्ट्र में तो लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है. यहां पर कई जगह भव्य दही-हांडी आयोजन होते हैं और गोविंदाओं की टोलियों के बीच प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं. यहां पर घाटकोपर, वडाला, जांबोरी मैदान, वर्ली, ठाणे आदि जगहों पर दही हांडी के लिए जबरदस्त भीड़ जुटती है.
कर्नाटक श्रीकृष्ण मंदिर
दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में भी कृष्ण जन्माष्टमी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है. कर्नाटक का उडुपी शहर अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए जाना जाता है. यहां पर भगवान कृष्ण की पूजा एक खिड़की से की जाती है जिसमें नौ छिद्र बने हुए हैं. इन छिद्रों को नवग्रहों का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा यहां भव्य दही हांडी का आयोजन भी होता है.
राजस्थान श्रीनाथजी
भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को राजस्थान में भी बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यहां पर श्रीनाथजी मंदिर में भव्य पूजा अर्चना तो की ही जाती है. जानकारी के मुताबिक, यहां की जन्माष्टमी की सबसे खास बात ये है कि कृष्ण जी को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है.