राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

गर्मी ज्यादा पड़ने से बढ़ सकता है माइग्रेन का दर्द

नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सिरदर्द बढ़ने और गर्म तापमान के बीच सीधा संबंध पाया है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, माइग्रेन का दर्द (Migraine Pain) बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी में हेडेक एंड फेशियल पेन सेंटर के डायरेक्टर विन्सेंट मार्टिन ने कहा कि मौसम में बदलाव माइग्रेन के लिए सबसे आम कारणों में से एक है। 

स्टडी में फ्रेमेनेजुमैब दवा के इस्तेमाल पर यह देखा गया कि क्या यह तापमान बढ़ने के चलते होने वाले सिरदर्द को रोक सकता है। फ्रेमेनेजुमैब इंजेक्शन के जरिए दी जाती है। यह मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के एक सेट का हिस्सा है जो पिछले छह साल में माइग्रेन के मरीजों के इलाज के लिए बाजार में आया है। शोधकर्ताओं ने क्षेत्रीय मौसम डेटा के साथ 660 माइग्रेन मरीजों के 71,030 डेली डायरी रिकॉर्ड को मिलाया और पाया कि तापमान में हर 0.12 डिग्री सेल्सियस के बढ़ने से सिरदर्द में 6 प्रतिशत की वृद्धि होती है। 

हालांकि, जो मरीज फ्रेमेनेजुमैब इलाज करा रहे है, उनमें गर्मी की वजह से होने वाले सिरदर्द की कोई परेशानी नहीं है। न्यूयॉर्क में माउंट सिनाई में इकाहन स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर फ्रेड कोहेन ने कहा, ‘यह स्टडी पहली है, जिससे यह पता चलता है कि कैल्सीटोनिन जीन-संबंधित पेप्टाइड (सीजीआरपी) को रोकने वाली माइग्रेन की दवाएं मौसम से संबंधित सिरदर्द का इलाज कर सकती हैं। 

अगर भविष्य में और स्टडी की जाती है, तो यह दवा मौसम की वजह से माइग्रेन से पीड़ित मरीजों की मददगार साबित हो सकती है। चिकित्सा के जनक हिप्पोक्रेट्स का मानना ​है कि मौसम और दवा का आपस में गहरा संबंध है। अमेरिकी कृषि विभाग में मुख्य मौसम विज्ञानी के पद से सेवानिवृत्त और स्टडी के सह-लेखक अल पीटरलिन ने कहा हम साबित करने में जुटे हैं कि मौसम मानव स्वास्थ्य के लिए मायने रखता है। स्टडी के निष्कर्षों को वीकेंड में कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में अमेरिकन हेडेक सोसाइटी की 66वीं वार्षिक वैज्ञानिक बैठक में प्रस्तुत किया जाना है।

यह भी पढ़ें:

शूटिंग छोड़ गांव के स्कूल पहुंची सनी लियोनी, बच्चों संग की मस्ती

पति निधन के 3 साल बाद मंदिरा बेदी ने बयां किया दर्द

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें