Adenovirus Infection :- एक शोध से पता चला है कि सामान्य सर्दी के लक्षण एडेनोवायरस संक्रमण से जुड़े हो सकते हैं। जिसमें मरीज में हल्की सर्दी, थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें मरीज के खून में प्लेटलेट्स का स्तर कम हो जाता है। जिसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहते हैं। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन दो रोगियों की केस रिपोर्ट पर आधारित है। जो व्यक्ति के शरीर में वायरस और एंटी-प्लेटलेट फैक्टर 4 (पीएफ4) विकार पैदा करने पर रोशनी डालता है। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना में मेडिसिन के प्रोफेसर स्टीफन मोल ने कहा कि एडेनोवायरस से जुड़ा यह विकार अब पहले से मौजूूद चार एंटी-पीएफ 4 विकारों में से एक है। मोल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारे निष्कर्षों से इस बीमारी के उपचार में सहायता मिलेगी। शोध में यह बात सामने आई है कि एंटी-पीएफ4 विकारों में व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली प्लेटलेट फैक्टर-4 के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है।
जो एक प्रोटीन, जो प्लेटलेट्स द्वारा जारी होता है, जिसमें रक्त का थक्का जम सकता है और प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। कभी-कभी रोगी के हेपरिन के संपर्क में आने से एंटी-पीएफ4 एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो जाता है, जिसे हेपरिन-प्रेरित थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (एचआईटी) कहा जाता है, वहीं कभी यह हेपरिन के संपर्क के बिना एक ऑटोइम्यून स्थिति के रूप में होता है, जिसे “सहज एचआईटी” कहा जाता है। पिछले तीन वर्षों में एडेनो-वायरल के निष्क्रिय टुकड़ों से बने कोविड-19 टीकों के इंजेक्शन के बाद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया शायद ही कभी होता देखा गया है। अध्ययन टीम ने बताया कि एक 5 वर्षीय लड़के का एडेनोवायरस संक्रमण का निदान किया गया था और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके मस्तिष्क में आक्रामक रक्त का थक्का (जिसे सेरेब्रल साइनस वेन थ्रोम्बोसिस कहा जाता है) बन गया था। टीम ने लड़के के एचआईटी प्लेटलेट सक्रिय करने वाले एंटीबॉडी का परीक्षण किया, जो पॉजिटिव आया।
वर्जीनिया में हेमेटोलॉजिस्ट-ऑन्कोलॉजिस्ट और यूएनसी के एक पूर्व प्रशिक्षु एलिसन एल. रेबॉल्ड भी एक मरीज को देख रहे थे, जिसमें गंभीर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के लक्षण देखने को मिले। रोगी को हेपरिन या टीकों के संपर्क में नहीं लाया गया था। हालाकि, इस मरीज की गंभीर बीमारी भी खांसी और बुखार के वायरल लक्षणों के साथ शुरू हुई थी जिसका एडेनोवायरल संक्रमण के लिए परीक्षण किया गया था। जो पॉजिटिव आया। मरीज का एंटी-पीएफ4 एंटीबॉडी का परीक्षण भी पॉजिटिव आया। शोध में सामने आया कि एंटीबॉडी एचआईटी एंटीबॉडी की तरह ही प्लेटलेट फैक्टर 4 को लक्षित कर रही थे। एंटीबॉडी वीआईटीटी से मिलती-जुलती थी। दोनों रोगियों में “सहज एचआईटी” या वीआईटीटी जैसा विकार था, जो एडेनोवायरस संक्रमण से जुड़ा था। टीम ने कहा कि नए एंटी-पीएफ4 विकार को समझने के लिए अधिक अध्ययन आवश्यक हैं। जिससे पता चलेगा कि क्या यह स्थिति अन्य वायरस के कारण हो सकती है। (आईएएनएस)