Hariyali Teej 2024: सावन का पवित्र महीना चल रहा है. यह महीना महादेव को अत्यंत प्रिय होता है. सावन के महीने में अनेक व्रत और त्योंहार आते है. इस महीने में कुंवारी कन्याओं से लेकर सुहागन महिलाएं व्रत-त्योंहार का पूजन करती है. लगभग सभी व्रत और पूजा-पाठ अच्छे पति की कामना के लिए होता है. (Hariyali Teej 2024)
आज 7 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जा रही है. यह सावन के महीन की तीज है इस कारण इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है. यह सावन के शुक्ल पक्ष में आती है. इस त्योहार पर सुहागन महिलाएं सौलह श्रंगार करती है.
कुंवारी कन्याएं भी सजती हैं. अपनी मनोकामना मांगने के लिए भगवान शिव-पार्वती की विशेष पूजा करती हैं और निर्जला यानी बिना पानी पिए व्रत रखती हैं.
हरियाली तीज की पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक देवी पार्वती ने सावन के महीने में भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी. माता पार्वती की तपस्या से भोलेनाथ खुश हुए.
माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन ही शिवजी ने पार्वती जी को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.(Hariyali Teej 2024) यही वजह है कि इस व्रत से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है.
ऐसे होती तीज की पूजा
1. सुबह जल्दी उठकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है फिर पीपल को जल चढ़ाते हैं
2. इसके बाद मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजते है
3. सौलह श्रंगार करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं
4. पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों रखी जाती हैं।
5. पूरे दिन उपवास रख सुबह-शाम भगवान शिव-पार्वती की पूजा की जाती है (Hariyali Teej 2024)
झूला झूलने की परंपरा
हरियाली तीज पर सुहागनें हरे रंग को प्राथमिकता देती हैं. यह प्रकृति की समृद्धि और समृद्ध जीवन का प्रतीक रंग है. वे हरे रंग की चूड़ियां और हरे रंग के कपड़े पहनती हैं. इस दौरान महिलाएं सोलह शृंगार कर हाथों में मेहंदी लगाती हैं(Hariyali Teej 2024)
नवविवाहित वधू यह पर्व मायके में मनाती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की मंगल कामना करती हैं. हरियाली तीज के मौके पर खासतौर से पूजा-पाठ के बाद महिलाएं एक-दूसरे को झूला झुलाती हैं. इस दौरान सावन के गीत भी गाए जाते हैं.
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