kartik month: तीज-त्योहारों का खास महीना यानी कार्तिक मास 18 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस महीने में करवा चौथ, पांच दिनों का दीपोत्सव, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी-तुलसी विवाह, और कार्तिक पूर्णिमा जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे।
इस दौरान, 15 दिन व्रत और पर्व से भरे रहेंगे। कार्तिक महीना 15 नवंबर को समाप्त होगा, जो पूरे महीने को धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों से समृद्ध बना देगा।
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20 अक्टूबर, रविवार: इस दिन कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन करवा चौथ व्रत होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत करती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करती हैं।
24 अक्टूबर, गुरुवार: अहोई अष्टमी व्रत किया जाएगा। इस दिन मां अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। ये व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही रहता है। आसमान में तारें दिख जाने के बाद अष्टमी देवी की पूजा कर के व्रत पूरा किया जाता है।
28 अक्टूबर, सोमवार: इस दिन रमा एकादशी और गोवत्स द्वादशी है। इन दोनों तिथियों में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है। शाम को विष्णु जी, महालक्ष्मी और तुलसी की पूजा करनी चाहिए।
29 अक्टूबर, मंगलवार: इस दिन धनतेरस मनेगी। इस दिन सोने-चांदी और बर्तनों की खरीदारी की जाती है। शाम को आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि की पूजा की जाएगी। इस बार धनतेरस के साथ 6 दिनों का दीपोत्सव पर्व शुरू हो रहा है।
30 अक्टूबर, बुधवार: रूप चतुर्दशी पर्व रहेगा। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर उबटन लगाकर तीर्थ जल से स्नान करने की परंपरा है। वहीं, शाम को यम के लिए दीपदान किया जाता है।
31 अक्टूबर, गुरुवार: इस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या होने से लक्ष्मी पूजा होगी। इस दिन घर-दुकानों को सजाने के साथ शाम को तिल के तेल से दीपक जलाने की परंपरा है।
1 नवंबर, शुक्रवार: स्नान-दान की अमावस्या रहेगी। इस दिन सुबह पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने से तीर्थ स्नान का पुण्य मिलेगा। इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण भी किए जाएंगे।
2 नवंबर, शनिवार: इस दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनेगा। इस दिन श्रीकृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।
3 नवंबर, रविवार: इस दिन भाई दूज मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना जी से मिलने उनके घर पहुंचते है। इस दिन यमराज और यमुना जी की विशेष पूजा करनी चाहिए।
5 नवंबर, मंगलवार: अंगारक चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इसी दिन से चार दिनों का छठ महोत्सव शुरू होगा।
7 नवंबर, गुरुवार: इस दिन षष्ठी तिथि है। इस दिन अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। अगले दिन उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
10 नवंबर, रविवार: इस दिन अक्षय नवमी का व्रत किया जाएगा। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा कर के उसी पेड़ के नीचे बैठकर खाना खाने की परंपरा है। इस व्रत को आंवला नवमी भी कहते हैं।
12 नवंबर, मंगलवार: देवउठनी एकादशी है। इस दिन भगवान शालग्राम के साथ तुलसी विवाह करवाया जाता है। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं।
14 नवंबर, गुरुवार: इस दिन वैकुंठ चतुर्दशी है। इस तिथि को लेकर मान्यता है कि इस दिन शिव जी भगवान विष्णु को सृष्टि का भार फिर से सौंपते हैं और भगवान विष्णु सृष्टि का संचालन करना शुरू करेंगे।
15 नवंबर, शुक्रवार: इस दिन देव दिवाली है। इस दिन तीर्थ नदियों के किनारे दीपदान किया जाता है। इसी दिन गुरुनानक जयंती भी मनाई जाती है। ये कार्तिक महीने का आखिरी दिन रहेगा।