Diwali 2024: भारत में मंदिरों का कोई कमी नहीं है. यहां पर कदम-कदम पर मंदिर देखने को मिल जाएंगे. भारत में चमत्कारों और रहस्यमयों की भी कोई कमी नहीं है. भारत के मंदिर में कई ऐसे रहस्य है जिनको आजतक कोई नहीं सुलझा पाया है. कुछ ऑऐसे मंदिर भी है जो अपने अनोखे रहस्य के लिए पुरी दुनिया में प्रसिद्ध है. आज से दीपोत्सव के पर्व की शुरूआत हो चुकी है.
दीपोत्सव के पर्व की शुरूआत धनतेरस से होती है. धनतेरस के शुभ अवसर पर आज हम आपको एक रहस्यमयी मंदिर मंदिर के बारे में बताएंगे जो सालभर में एक बार दीवाली के दिन खुलता है. इस मंदिर के कपाट केवल दीवाली के दिन खुलते है. इसके बाद मंदिर में भगवान के सामने दीपक जलाने के बाद पुष्प अर्पित किए जाते है, लेकिन एक साल बाद भी दीपक भी जलता रहता है और फूल भी ताजे रहते है. (Diwali 2024)
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कहां स्थित है यह मंदिर
यह रहस्यमयी मंदिर, बेंगलुरु से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर, कर्नाटक के हासन जिले में स्थित है. इसे हसनंबा मंदिर के नाम से जाना जाता है. इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में कराया गया था, और पहले इसे सिहामासनपुरी के नाम से जाना जाता था, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को उजागर करता है. इस मंदिर की कई विशेषताएँ हैं जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती हैं. (Diwali 2024)
इस मंदिर में सालभर जलता है दीपक (Diwali 2024)
दिवाली के दौरान इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर के कपाट दिवाली के दौरन सिर्फ 7 दिनों के लिए खोले जाते हैं. मंदिर के कपाट खुलने पर यहां हजारों की संख्या में भक्त मां जगदम्बा के दर्शन और उनसे आशीर्वाद पाने के लिए यहां पहुंचते हैं. जिस दिन इस मंदिर के कपाट को बंद किया जाता है, उस दिन मंदिर के गर्भगृह में शुद्ध घी का दीपक जलाया जाता है. साथ ही मंदिर के गर्भगृह को फूलों से सजाया जाता है और चावल से बने व्यंजनों को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. स्थानीय लोगो को कहना है कि एक साल बाद जब दिवाली पर दोबारा मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तब दीपक भी जलता रहता है और फूल भी नहीं मुरझाते.
7 दिनों तक चलता है उत्सव
दिवाली के दौरान जब हसनंबा मंदिर के कपाट खोले जाते हैं. इस दौरान सभी भक्त मां जगदंबा के दर्शन करते हैं. मंदिर में हसनंबा देवी माता की 1 सप्ताह तक पूजा-पाठ होती है और अंतिम दिन मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, जिसके बाद फिर अगले साल ही खुलते हैं. (Diwali 2024)
मंदिर से जुड़ी कथा है प्रचलित (Diwali 2024)
हसनंबा मंदिर से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं. जिसमें से एक कथा के अनुसार, अंधकासुर नाम के एक राक्षस था. जिसने कठोर तपस्या कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर अदृश्य होने का वरदान प्राप्त किया. ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करने के बाद अंधकासुर ने मनुष्यों और ऋषि- मुनियों को परेशान करने लगा. ऐसे में भगवान शिव ने उस राक्षस का वध करने का जिम्मा उठाया. लेकिन उस राक्षस के खून की एक-एक बूंद राक्षस बन जाते थे. तब उसके वध के लिए भगवान शिव ने तपयोग से योगेश्वरी देवी का निर्माण किया, जिन्होंने अंधकासुर का नाश कर दिया.