नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने देने की खबरों का पहलवानों ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। असल में शनिवार को पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उसके बाद सोमवार को खबर आई कि सबने अपनी सरकारी नौकरी ज्वाइन कर ली है। इसके बाद खबर आई कि उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया है।
गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोपों को लेकर 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने एक महीने से ज्यादा समय तक धरना दिया था। ये तीनों अब काम पर लौट गए हैं। ये तीनों भारतीय रेलवे में नौकरी करते हैं। रेलवे पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर जनरल योगेश बवेजा ने इसकी पुष्टि की। हालांकि, इसके कुछ देर बाद बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने ट्विट कर कहा कि उन्हें नौकरी का डर दिखाया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो 10 सेकेंड में नौकरी छोड़ देंगे।
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने आंदोलन खत्म करने की खबरों का खंडन करते हुए ट्विट किया। उन्होंने कहा- इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं, बजरंग पूनिया ने कहा- एफआईआर वापस लेने वाली बात झूठी है। हमारी लड़ाई जारी रहेगी। विनेश फोगाट ने ट्विट किया- हमारे मेडलों को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारी जिंदगी दांव पर लगी हुई है। उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज है। अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बाधा बनती दिखी, तो उसको त्यागने में हम 10 सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे। नौकरी का डर मत दिखाइए।
विनेश फोगाट ने आगे लिखा- महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुजर रही हैं इस बात का अहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को? कमजोर मीडिया की टांगें हैं, जो किसी गुंडे के हंटर के आगे कांपने लगती हैं, महिला पहलवान नहीं। गौरतलब है कि पहलवानों ने शनिवार देर शाम गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्होंने गृह मंत्री से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया था। गौरतलब कि एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।