इंफाल। मणिपुर में तमाम प्रयासों के बावजूद हिंसा थम नहीं रही है। शुक्रवार को ताजा हिंसा में एक महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई। इससे पहले बीएसएफ के एक जवान की हत्या कर दी गई थी और सुरक्षा बलों के दो जवान घायल हुए थे। राज्य में कुकी और मैती समुदाय के बीच तीन मई से भड़की हिंसा में अब तक 80 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। कई जगह हिंसा की आशंका के चलते गांव खाली हो गए हैं। इस बीच सीबीआई ने छह एफआईआर दर्ज की है और हिंसा की जांच शुरू कर दी है।
बहरहाल, शुक्रवार को राजधानी इंफाल से सटे कुकी बहुल खोकेन गांव में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। इस बीच सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने राज्य में तीन मई से लगी इंटरनेट की पाबंदी पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि मामला पहले से हाई कोर्ट में है। इस पर सुनवाई होने दें। गौरतलब है कि एडवोकेट चोंगथम विक्टर सिंह और कारोबारी मायेंगबाम जेम्स ने यह याचिका दायर की थी।
उधर, मणिपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा से पहले गुरुवार देर रात दो लोगों ने इंफाल में भाजपा विधायक सोराईसाम केबी के घर बम से हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक, दो लोग बाइक से आए और उन्होंने खुले गेट के अंदर आईईडी बम फेंक दिया, जिसके बाद तेज धमाका हुआ। हालांकि इस घटना में किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। विधायक सोराईसाम केबी ने मीडिया से कहा- यह बेहद अपमानजनक और परेशान करने वाला है कि राज्य में व्याप्त अशांति के बीच मेरे घर पर इस तरह का विस्फोट हुआ। भाजपा विधायक ने शांति की अपील करते हुए कहा- हम सभी इंसान हैं और दोनों समुदायों के बीच जो भी मनमुटाव है उसे बम के बिना सुलझाया जा सकता है।
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले 10 दिनों में किसी विधायक के घर पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले 28 मई को कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह के सेरो गांव स्थित घर पर हमला हुआ था। कुछ लोग सेरो गांव में आए और उन्होंने विधायक रंजीत के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। विधायक और उनका परिवार बाल-बाल बच गया। हिंसक भीड़ ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान करीब एक सौ घरों में आग लगाई गई थी। हिंसा के चलते काफी विधायक राजधानी छोड़ चुके हैं।