चेन्नई। इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित की गईं, मशहूर गायिका वाणी जयराम का निधन हो गया है। दक्षिण भारत की मशहूर गायिका वाणी जयराम ने हिंदी सहित कई भाषाओं में गाने गाए हैं और उनकी उम्र 77 साल थी। बताया जा रहा है कि काफी समय पहले उनके सिर में चोट लगी थी, जिसकी वजह से वे बीमार रहती थीं। शनिवार सुबह वे चेन्नई स्थित अपने घर में मृत पाई गईं। अभी तक उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
वाणी जयराम दक्षिण भारत की बेहद मशहूर गायिका थीं। 1945 में तमिलनाडु के वैल्लोर में जन्मी वाणी का असली नाम कलैवानी था। उन्होंने अपने करियर में तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, हिंदी, उर्दू सहित 19 भाषाओं में 10 हजार से ज्यादा गाने गाए। कुछ समय पहले ही वाणी ने अपने करियर के 50 साल पूरे किए थे। वाणी ने हिंदी फिल्मों को भी कई बेहतरीन गाने दिए हैं।
साल 1980 में वाणी को ‘मीरा’ फिल्म के, मेरे तो गिरधर गोपाल… गाने के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। ‘गुड्डी’ फिल्म में उनका गाया बोले रे पपीहरा… गीत भी काफी मशहूर हुआ। पद्म भूषण से पहले साल 1991 में उन्हें संगीत पीठ सम्मान से भी नवाजा गया था। वाणी ये सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की गायिका थीं। तब उनकी उम्र 46 साल थी। वाणी ने एमएस इलैयाराजा, आरडी बर्मन, केवी महादेवन, ओपी नैय्यर और मदन मोहन जैसे दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘स्वपनम’ से की थी।