नई दिल्ली। जी 20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भले साझा बयान जारी नहीं हो सका, लेकिन इसकी बड़ी उपलब्धि यह रही कि अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता हुई। यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद पिछले एक साल में यह पहला मौका था, जब दोनों देशों के उच्च स्तर के नेता आमने सामने वार्ता के लिए बैठे।
बताया जा रहा है कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने गुरुवार को नई दिल्ली में हुई रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से संक्षिप्त मुलाकात में यूक्रेन मुद्दे को लेकर दबाव बनाया। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच उच्च स्तर पर यह आमने-सामने की पहली बातचीत थी। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जी 20 की बातचीत के इतर ब्लिंकेन ने लावरोव के साथ मुलाकात की जो कि 10 मिनट से भी कम समय तक चली।
हालांकि एक दिन पहले ब्लिंकेन ने कहा था कि उनकी अपने रूस और चीन के समकक्ष से मिलने की कोई योजना नहीं है। इसके बावजूद गुरुवार को दोनों के बीच संक्षिप्त मुलाकात हुई। चर्चा के दौरान ब्लिंकेन ने रूस से वर्ष 2018 के अंत से हिरासत में लिए गए पूर्व अमेरिकी नौसैनिक पॉल व्हेलन को भी रिहा करने और नई स्टार्ट परमाणु संधि को निलंबित करने के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले को भी पलटने का आग्रह किया।