कानपुर | UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में बड़ी घटना हो गई है जिसके चलते यूपी का सियासी पारा गरमा गया है। यहां अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जल कर मौत हो गई है। इस घटना में मृतक मां प्रमिला और बेटी की मौत के साथ ही पति कृष्ण गोपाल दीक्षित भी बुरी तरह से झुलस गए हैं। इस घटना के बाद कानपुर देहात के मंडोली गांव में पुलिस-प्रशासन पर ग्रामीणों और परिजनों ने हमला कर दिया।
क्या है मामला?
कानपुर देहात में प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए पहुंचा था। जिसका वहां के लोग विरोध कर रहे थे। ऐसे में जिस घर को गिराया जा रहा था उस परिवार के लोग खुद को आग लगाने की धमकी दे रहे थे, इस प्रदर्शन के दौरान वहां आग लग गई, जिसमें मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस हादसे के लिए पीड़ित परिवार ने कानपुर देहात के मैथा तहसील में तैनात एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम, समीर लेखपाल, अशोक सिंह को आरोपी ठहराया है।
गरमाई सियासत
इस घटना के बाद गरमाई सियासत के बाद प्रदेश सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला मृतक के परिवार से मिलने पहुंची। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस का प्रदेश स्तर का प्रतिनिधि मंडल भी हादसे का शिकार हुए परिवार से मिलने कानपुर देहात के मड़ौली गांव पहुंचेगा। वहीं मंगलवार यानि आज समाजवादी पार्टी का जिला स्तर प्रतिनिधि मंडल भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचेगा।
सपा ने क्या कहा?
सपा ने आज एक ट्वीट करके कहा है कि, निर्दोषों की हत्या कर रहे अत्याचारी, बुल्डोजर सरकार के अधिकारी ! कानपुर के मड़ौली गांव में बुल्डोजर कार्रवाई के चलते लगी आग में मां-बेटी की जलकर हुई मौत, मौके से फरार हुए अफसर। शर्मनाक, आरोपी DM, SDM, लेखपाल पर धारा 302 के अंतर्गत हो मुकदमा, मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे सरकार।
परिवार ने मांगी दो-दो सरकारी नौकरी
UP News: पीड़ित परिवार लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़ा हुआ है। जिसमें उनकी मांग है कि, परिवार को 50 लाख का मुआवजा, घर के दो बेटों को सरकारी नौकरी और परिवार को आजीवन पेंशन दी जाए। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनका परिवार काफी लंबे समय से इस भूमि पर काबिज है। ऐसे में उनके ही रिश्तेदारों ने उनका विरोध करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर उनकी झोपड़ी में आग लगवा दी।