नई दिल्ली। पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में देश की विकास दर 7.2 फीसदी रही, जो उससे एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले करीब दो फीसदी कम रही। सरकार की ओर से जारी पिछले साल के जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक विकास दर 7.2 फीसदी रहने की बात कही गई है, जबकि उससे एक साल पहले विकास दर 9.1 फीसदी थी।
बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-मार्च की तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर 6.1 फीसदी रही। पिछले साल की समान तिमाही यानी वित्त वर्ष 2021-22 की आखिरी तिमाही में विकास दर चार फीसदी रही थी। बहरहाल, पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी दिसंबर 2022 में ये 4.4 फीसदी थी। इससे पहले सितंबर में ये 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ग्रॉस वैल्यू ऐडेड यानी जीवीए वित्त वर्ष 2022-23 में 8.8 फीसदी से घटकर सात फीसदी पर आ गया। जनवरी-मार्च तिमाही में जीवीए 6.5 फीसदी रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में ये यह 3.9 फीसदी रहा था। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा था कि चौथी तिमाही में रियल GDP 5.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है।