राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

आनंद मोहन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्टने पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह को उम्र कैद की पूर्व निर्धारित सजा पूरी होने से पहले रिहा करने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ ने कृष्णैया की विधवा तेलुगू उमादेवी कृष्णैया की रिट याचिका पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 को 10 दिसंबर 2002 के बिहार जेल नियमावली में संशोधन किया था। इस बदलाव के बाद राज्य सरकार ने बाहुबली नेता आनंद मोहन को 24 अप्रैल 2023 को जेल से रिहा करने का आदेश सहरसा जिला प्रशासन को दिया गया था। सरकार के आदेश के बाद जेल प्रशासन ने 27 अप्रैल को आनंद मोहन को रिहा किया था। मृतक की विधवा उमादेवी ने हत्या के दोषी आनंद मोहन की रिहाई करने के फैसले और जेल नियमावली संशोधन के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

याचिकाकर्ता उमादेवी ने अपनी रिट याचिका में दलील दी देते हुए कहा है कि शीर्ष अदालत ने लगातार यह माना है कि समय से पहले रिहाई के आवेदन पर निर्णय लेने के लिए दोषसिद्धि के समय लागू छूट के नियमों पर विचार किया जाना चाहिए। इस प्रकार 2007 में याचिकाकर्ता की दोषसिद्धि के समय लागू नियम उसके छूट के आवेदन पर विचार करने के लिए लागू होंगे। यानी मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने के बाद 20 साल से पहले रिहाई नहीं हो सकती।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1985 कैडर के 37 वर्षीय अधिकारी कृष्णैया की हत्या 1994 में मुजफ्फरपुर जिले में उस भीड़ ने की थी, जो स्थानीय गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम की अंतिम यात्रा शामिल लोगों के साथ थे। जिला अधिकारी के वाहन को उस शव यात्रा से आगे ले जाने की कोशिश करने पर भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिला अधिकारी को पीट-पीट कर मार दिया गया था।

स्थानीय अदालत ने आनंद मोहन को 05 अक्टूबर 2007 को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 10 दिसंबर 2008 को पटना उच्च न्यायालय राहत देते मौत की सजा को कठोर उम्र कैद बदल दिया था।

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *