अयोध्या। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को अयोध्या में रामलला के दर्शन किए और वहीं से अपने पूर्व नेता उद्धव ठाकरे पर हमला किया। शिंदे ने बिना नाम लिए कहा कि उद्धव ने पिता का वचन भूला दिया। शिंदे बाद में सरयू आरती में भी शामिल हुए। इससे पहले वे अपनी पार्टी के सांसदों और विधायकों के साथ रामलला के दर्शन करने पहुंचे। उनके पहुंचने से पहले हजारों शिव सैनिक विशेष ट्रेनों से अयोध्या पहुंचे थे, जिन्होंने उनका स्वागत किया।
शिंदे ने अयोध्या में रामलला के दर्शन-पूजन के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने उद्धव का नाम लिए बिना तंज करते हुए कहा- राम ने पिता को वचन देकर 14 साल का वनवास निभाया। पर कुछ लोगों ने सत्ता की लालच में पिता के वचन का ध्यान नहीं रखा। शिंदे ने कांग्रेस और एनसीपी से उद्धव ठाकरे के तालमेल का स्पष्ट हवाला देते हुए कहा- बाला साहब ने जिन्हें भगाया था, कुछ लोग ने बाद में उन्हीं के साथ मिलकर सरकार बना ली।
मुख्यमंत्री शिंदे ने महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओं की हत्या का मुद्दा उठा कर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा- पालघर में जब संत की हत्या हुई और नेवी के अधिकारी की पिटाई हुई तो वहां पर किसकी सरकार थी। कई लोग हम पर आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा- 2019 में लोगों के दिमाग में जो बात थी, लोगों की अपेक्षा थी कि महाराष्ट्र में शिव सेना-भाजपा की सरकार बने। लेकिन स्वार्थ और कुर्सी की लालच में यहां गलत कदम उठाया गया।
उन्होंने कहा- हमने उसे आठ-नौ महीने पहले सुधार दिया। लोगों की अपेक्षा के अनुसार हमने सरकार बनाई। शिंदे ने कहा- उत्तर भारतीय और महाराष्ट्र के लोग अलग नहीं है। महाराष्ट्र भवन के लिए योगी आदित्यनाथ से विनती की है। वह हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब के नाम पर होगा। शिंदे ने कहा- राम मंदिर हमारी आस्था, श्रद्धा और अस्मिता से जुड़ी है। अयोध्या हमारे लिए आत्मीयता का विषय है। आज का दिन मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। हमारी यात्रा पूरी तरह धर्मिक है। कई लोगों को इससे एलर्जी और दर्द भी हुआ।