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राहुल की लोकसभा सदस्यता खत्म

युवा

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। मानहानि के मामले में सूरत की जिला अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा के ऐलान के अगले दिन शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी करके राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त कर दी। इसके साथ ही उनके लोकसभा क्षेत्र वायनाड को रिक्त घोषित कर दिया गया। अगर ऊपरी अदालत से राहुल गांधी को राहत नहीं मिलती है तो चुनाव आयोग वायनाड सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है।

बताया जा रहा है कि लोकसभा सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिए गए राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश भी मिल सकता है। उनको एक महीने में सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत की जिला अदालत ने गुरुवार को दोषी करार देकर दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी और कथित तौर पर कहा था कि सभी चोरों के सरनेम एक ही कैसे होते हैं।

बहरहाल, लोकसभा सचिवालय से जारी अयोग्यता की अधिसूचना में कहा गया है कि लोकसभा सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता 23 मार्च से ही प्रभावी होगी, जिस दिन उन्हें दोषी करार दिया गया था। अधिसूचना में कहा गया है- सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के कारण… जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा आठ के साथ पठित भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (10) (ई) के प्रावधानों के संदर्भ में केरल के वायनाड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य श्री राहुल गांधी उनकी दोषसिद्धि की तारीख, यानी 23 मार्च, 2023 से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाते हैं…”।

गौरतलब है कि जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा आठ (3) के अनुसार, जिस समय किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सज़ा सुनाई जाती है, वह संसद सदस्य रहने के लिए अयोग्य हो जाता है। बहरहाल, संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित होने के बाद राहुल गांधी ने कहा- मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। कांग्रेस ने इस पूरी घटना को साजिश करार दिया है, जबकि भाजपा ने इसे कानूनी और वैध बताया है।

By NI Desk

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