चेन्नई। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ राज्य में विरोध तेज हो गया है और उनको हटाने की मांग भी तेज हो गई है। तमिलनाडु का नाम बदल कर तमिझगम करने के राज्यपाल रवि के सुझाव के एक दिन बाद मंगलवार को राजधानी चेन्नई में चारों तरफ ‘गेट आउट रवि’ के पोस्टल लगाए गए। इस बीच राज्यपाल ने विवाद और बढ़ाते हुए खुद राज्य का नाम बदल दिया। राजभवन की ओर से पोंगल के आयोजन का जो आमंत्रण भेजा गया है कि उसमें आरएन रवि ने अपने को तमिझगम का राज्यपाल बताया है।
गौरतलब है कि राज्यपाल ने विधानसभा में अपने अभिभाषण के दौरान राज्य का नाम तमिझगम करने की बात कही थी। इसके एक दिन बाद मंगलवार को सत्तारूढ़ डीएमके कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में वल्लुवर कोट्टम और अन्ना सलाई में ‘गेट आउट रवि’ के पोस्टर लगा दिए। शहर के कई हिस्सों में डीएमके कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी भी की। हालांकि डीएमके नेता और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्यपाल के खिलाफ पोस्टर नहीं लगाने को कहा।
इस बीच राजभवन से भेजे गए पोंगल के आमंत्रण पत्र को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। इसमें आरएन रवि को तमिझगम का राज्यपाल लिखा गया है। सीपीएम के सांसद एस वेंकटेशन ने ट्विटर पर आमंत्रण पत्र की फोटो पोस्ट कर विरोध जताया। वहीं, कोयंबटूर में सरकार की सहयोगी टीपीडीके ने राज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस बीच मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई में विधायकों के साथ बैठक कर राज्यपाल के खिलाफ कोई भी पोस्टर नहीं लगाने को कहा। साथ ही कहा कि राज्यपाल को लेकर किसी भी तरह कि कोई टिप्पणी न की जाए।
डीएमके नेता और राज्य सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने राज्यपाल के सदन छोड़कर जाने पर मंगलवार को निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान कुछ हिस्सों को छोड़ दिया, जिन्हें मुख्यमंत्री स्टालिन की सरकार ने तैयार किया था। छोड़े गए हिस्सों में शासन के द्रविड़ मॉडल का जिक्र भी शामिल था। इससे पहले सोमवार को विधानसभा में डीएमके, कांग्रेस, वीसीके आदि पार्टियों ने सदन में राज्यपाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। हंगामे की वजह से गवर्नर अपना भाषण बीच में ही छोड़कर सदन से बाहर चले गए थे।