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बिना अदानी पर बोले मोदी विपक्ष पर बरसे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री करीब 85 मिनट बोले और इस दौरान राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और समूचे विपक्ष पर जम कर बरसे। हालांकि उन्होंने एक दिन पहले लोकसभा में राहुल गांधी के उठाए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपने भाषण में अदानी समूह का जिक्र तक नहीं किया। वे हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बारे में भी कुछ नहीं बोले और न एलआईसी, एसबीआई आदि के निवेश की चिंता पर कुछ बोले। उन्होंने यूपीए के दस साल के शासन को घोटालों का दशक बताया और दुष्यंत कुमार का शेर के सहारे कांग्रेस पर तंज किया।

प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा- कल कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा इको सिस्टम उछल रहा था। समर्थक खुश होकर कह रहे थे कि ये हुई ना बात। नींद भी अच्छी आई होगी, उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है- ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का हवाला देकर कहा- जो अभी-अभी जम्मू कश्मीर से घूमकर आए हैं, उन्होंने देखा होगा कि कितने आन-बान-शान के साथ वहां जा सकते हैं। मोदी ने याद दिलाया कि पिछली सदी में वे भी श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने गए थे।

राहुल और कांग्रेस को निशाना बनाते हुए मोदी ने कहा कि समय सिद्ध कर रहा है कि जो यहां यानी सत्ता में बैठते थे, वो वहां यानी विपक्ष में जाने के बाद भी फेल हो गए। उन्होंने कहा- देश पास होता जा रहा है डिस्टिंक्शन पर। समय की मांग है कि आज निराशा में डूबे लोग स्वस्थ मन रखकर आत्मचिंतन करें। बीते वर्षों में हार्वर्ड में स्टडी हुई है। उसका टॉपिक था- द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी। मुझे भरोसा है कि भविष्य में कांग्रेस की बरबादी पर हार्वर्ड ही नहीं, बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी में अध्ययन होना ही है। इस प्रकार के लोगों के लिए दुष्यंत कुमार ने बढ़िया बात कही है- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।

विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए मोदी ने कहा- बहुत सारे विपक्षी मिले-सुर मेरा-तुम्हारा कर रहे थे। मुझे लगता था कि देश की जनता, देश के चुनाव के नतीजे ऐसे लोगों को जरूर एक मंच पर लाएंगे। वो तो हुआ नहीं, लेकिन इन लोगों को ईडी का धन्यवाद करना चाहिए उसके कारण ये एक मंच पर आ गए। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 2004 से 2014 को घोटालों का दशक बताते हुए 2जी, कोयला, कॉमनवेल्थ, हेलीकॉप्टर आदि घोटालों का जिक्र किया। उन्होंने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया और कहा कि दस साल तक देश आतंकवाद से जूझता रहा। मोदी ने कहा- लोकतंत्र में आलोचना का बहुत महत्व है। भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। आलोचना लोकतंत्र की मजबूती के लिए है, लेकिन लोगों ने आलोचना के मौके गंवा दिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष हारने पर ईवीएम और चुनाव आयोग को गाली देता है और फैसला पक्ष में नहीं आए तो सुप्रीम कोर्ट को।

By NI Desk

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