नई दिल्ली। समय से पहले बढ़ते तापमान को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्मी के मौसम में होने वाली जरूरी तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री कार्यालय, पीएमओ की ओर से इस बैठक की जानकारी दी गई। बैठक में प्रधानमंत्री को मॉनसून के पूर्वानुमान, रबी फसलों पर इसके प्रभाव, चिकित्सा बुनियादी ढांचे की तैयारी आदि के बारे में जानकारी दी गई।
पीएमओ की ओर से जारी बयान में बताया गया है- मौसम कार्यालय, भारत मौसम विज्ञान विभाग को प्रधानमंत्री ने दैनिक मौसम पूर्वानुमान तैयार करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि 31 मई तक देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान के साथ-साथ लू की आशंका जताई गई है। इससे फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। बयान के अनुसार- प्रधानमंत्री मोदी ने सभी अस्पतालों के विस्तृत फायर ऑडिट की जरूरत पर जोर दिया।
पीएमओ के बयान में कहा गया है कि बैठक में जंगल की आग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत बताई गई। इसके अलावा गर्मी बहुत अधिक होने की स्थिति में बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूलों को व्याख्यान सत्र आयोजित करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गर्म मौसम की स्थिति में ‘क्या करें और क्या न करें’ को आसान शब्दों में तैयार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रचार के अन्य तरीके जैसे जिंगल्स, फिल्म, पैम्फलेट आदि भी तैयार और जारी किए जाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चारे और जलाशयों में पानी की उपलब्धता पर भी लगातार नजर रखी जानी चाहिए। प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भारतीय खाद्य निगम को अनाज का भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह और परिवार कल्याण सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और अन्य विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।