नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का पूरा हफ्ता हंगामे की भेंट चढ़ गया। बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले हफ्ते कोई कामकाज नहीं हो सका। शुक्रवार को दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष दोनों का हंगामा जारी रहा, जिसकी वजह से कार्यवाही शुरू होने के चंद मिनट के भीतर ही दोनों सदन स्थगित हो गए। ऐसा पहली बार हुआ कि सत्तापक्ष ने लगातार पांच दिन तक हंगामा किया। भाजपा सांसद राहुल गांधी से माफी की मांग पर अड़े रहे तो कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियां अदानी समूह की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति, जेपीसी की मांग करती रहीं।
शुक्रवार को संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस सहित 16 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मूर्ति के सामने कुर्सी पर बैठे और राहुल गांधी सहित अनेक विपक्षी सांसदों ने उनके साथ खड़े होकर प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसद अदानी मामले में जेपीसी बना कर जांच कराने की मांग कर रहे थे।
इससे पहले लोकसभा में पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होने के 20 मिनट बाद ही खत्म हो गई। सदन में नारेबाजी के चलते अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लोकसभा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। कांग्रेसी सांसद ‘राहुल गांधी को बोलने दो’ के नारे लगा रहे थे। जबकि भाजपा सांसद राहुल के लंदन में दिए बयान पर माफी की मांग कर रहे थे। इस बीच काफी देर के लिए संसद का साउंड सिस्टम बंद हो गया। कई मिनट तक सबके माइक बंद रहे। बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी की वजह से ऐसा हुआ।
बहरहाल, उधर राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही दोनों पक्षों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही भी सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन के स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसदों सहित 16 विपक्षी दलों ने सोनिया, राहुल और खड़गे के साथ मिलकर महात्मा गांधी की मूर्ति के पास अदानी मामले पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सदन की कार्यवाही के दौरान ऑडियो बंद कर दिया गया। इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को भी कहा था कि उनका माइक तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया।
इस बीच शुक्रवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राज्यसभा में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। राहुल का बचाव करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा- राहुल गांधी ने कभी भी यह मांग नहीं की कि लोकतंत्र को बचाने के लिए विदेशी ताकतें हमारे देश में आएं। मुझे नहीं लगता कि इसके लिए माफी मांगने की जरूरत है। संसद चलाना सरकार की जिम्मेदारी है।