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संसद के परकोटे से प्रदर्शन!

नई दिल्ली। ऐसा पहली बार हुआ है कि विपक्षी पार्टियों ने संसद भवन की पहली मंजिल पर जाकर वहां से सरकार विरोधी प्रदर्शन किया, नारेबाजी की और बैनर लहराए। विपक्षी सांसद आमतौर पर संसद भवन के अंदर या परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के आगे प्रदर्शन करते हैं। लेकिन मंगलवार को दोनों सदनों का कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्ष के सांसद पहली मंजिल पर पहुंचे और संसद के गलियारे में खड़े होकर प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों को ललकारते हुए अदानी समूह के खिलाफ जांच करने को कहा।

इससे पहले मंगलवार को लगातार सातवें दिन संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना रहा और कोई कामकाज नहीं हुआ। विपक्ष अडानी समूह की संयुक्त संसदीय समिति, जेपीसी से जांच कराने की मांग पर अड़ा रहा तो सत्तापक्ष राहुल गांधी की माफी की मांग करती रही। मंगलवार को कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दो बजे कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा, जिसके बाद कार्यवाही 23 मार्च की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के बीच ही लोकसभा में जम्मू कश्मीर का बजट पास हुआ।

राज्यसभा में सभापति ने गतिरोध खत्म कराने के लिए सभी पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाई थी लेकिन भाजपा और दो अन्य पार्टियों के अलावा किसी पार्टी के नेता बैठक में नहीं पहुंचे। दोपहर के बाद सभापति ने नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का मौका दिया था लेकिन वे जैसे ही बोलने खड़े हुए भाजपा के सांसदों ने राहुल गांधी की माफी मांग उठा कर हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने 23 मार्च तक के लिए राज्यसभा को स्थगित कर दिया। लोकसभा की कार्यवाही भी 25 मिनट तक चली, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी के बीच निचला सदन भी 23 मार्च सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

संसद में चल रहे हंगामे के बीच एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की और संसद की रणनीति बनाई तो दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष के नेताओं के साथ सरकार को घेरने की रणनीति पर बैठक की। विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, एनसीपी, राजद, डीएमके, सीपीएम, सीपीआई, शिव सेना का उद्धव ठाकरे गुट, जेएमएम, जदयू, मुस्लिम लीग, आम आदमी पार्टी आदि के नेता शामिल हुए। खड़गे ने बैठक के बाद दो टूक अंदाज में कहा कि राहुल गांधी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है और वे माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष अदानी की जांच की मांग करता रहेगा।

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