आगरा। एमपी-एमएलए (MP-MLA court) की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) को लगभग सात साल बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 144 (section 144) के उल्लंघन के एक मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया (Prabhudayal Katheria) और पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह (Ram Pratap Singh) को भी बरी कर दिया। आगरा के एत्मादपुर थाने में नोटिस की अवहेलना करने पर नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने 8 अप्रैल 2016 को आयोजित महापंचायत के खिलाफ नोटिस जारी किया था। नेताओं ने कथित तौर पर महापंचायत की, जिसके बाद पुलिस ने तीन नेताओं समेत 11 लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। सबूतों की कमी के कारण नेताओं को बरी कर दिया गया क्योंकि अभियोजन पक्ष अपने आरोप को साबित करने के लिए किसी भी स्वतंत्र गवाह को नहीं बुला सका और न ही चार्जशीट में ऐसे गवाह का नाम था। इसके अलावा, इन मामलों में वादी का निधन हो गया था और अदालत ने अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों के बयानों में विसंगतियां पाईं। (आईएएनएस)
आगरा। एमपी-एमएलए (MP-MLA court) की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) को लगभग सात साल बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 144 (section 144) के उल्लंघन के एक मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया (Prabhudayal Katheria) और पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह (Ram Pratap Singh) को भी बरी कर दिया। आगरा के एत्मादपुर थाने में नोटिस की अवहेलना करने पर नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने 8 अप्रैल 2016 को आयोजित महापंचायत के खिलाफ नोटिस जारी किया था। नेताओं ने कथित तौर पर महापंचायत की, जिसके बाद पुलिस ने तीन नेताओं समेत 11 लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। सबूतों की कमी के कारण नेताओं को बरी कर दिया गया क्योंकि अभियोजन पक्ष अपने आरोप को साबित करने के लिए किसी भी स्वतंत्र गवाह को नहीं बुला सका और न ही चार्जशीट में ऐसे गवाह का नाम था। इसके अलावा, इन मामलों में वादी का निधन हो गया था और अदालत ने अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों के बयानों में विसंगतियां पाईं। (आईएएनएस)