राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

प्रताप के शौर्य से सीख ले युवा पीढ़ीः गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रतिवर्ष महाराणा प्रताप की जयंती समारोह मनाने से युवा पीढ़ी उनके त्याग, बलिदान, शौर्य व पराक्रम से प्रेरित हो रही है। उनके शौर्य व बलिदान की गाथा राजस्थान ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी लोगों को स्वाभिमान की भावना से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सोमवार को मेवाड़ क्षत्रिय महासभा (Mewar Kshatriya Mahasabha) एवं नगर निगम द्वारा सुखाड़िया रंगमंच पर आयोजित महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) की 483वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी का कर्तव्य है कि वह आने वाली पीढ़ी को यह गौरवशाली शौर्यगाथा विरासत में सौंपे। हमें मानवता की सेवा के लिए ही कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े स्थल चावण्ड, गोगुन्दा, हल्दीघाटी आदि मेवाड़ की पहचान को विशिष्ट बनाते हैं।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड की घोषणा
मुख्यमंत्री ने समारोह में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड (Veer Shiromani Maharana Pratap Board) बनाने की घोषणा की। यह बोर्ड प्रताप के शौर्य के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करेगा। बोर्ड पाठ्यक्रम सामग्री, धरोहर संरक्षण, नवनिर्माण, विभिन्न भाषाओं में शोध कार्य, प्रकाशन का प्रचार-प्रसार, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, व्याख्यान, कवि सम्मेलन आदि कार्यों के लिए योजना तैयार करेगा। यह नई पीढ़ी के लिए भी माहौल तैयार करेगा। श्री गहलोत ने महाराणा प्रताप की समाधि, राजतिलक स्थली और अन्य स्थलों के विकास के लिए 5 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य कराने, मीरा मेदपाट बालिका छात्रावास के समीप की भूमि को छात्रावास के लिए आवंटित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि चावण्ड में 4 करोड़ रुपए की लागत से महाराणा प्रताप पेनोरमा बनाने की घोषणा की जा चुकी है जिसके कार्यादेश जारी कर दिए हैं।

इतिहास संरक्षण में कारगर मेवाड़ कॉम्प्लेक्स
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे केन्द्रीय मंत्री रहे, तब मेवाड़ कॉम्पलेक्स (Mewar Complex) की घोषणा की गई थी। इसके तहत महाराणा प्रताप से जुड़े सभी स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास शुरू हुआ। देशी-विदेशी पर्यटकों को इन स्थानों पर गौरवशाली इतिहास की जानकारी प्राप्त हो सके, इसके प्रयास किए गए। श्री गहलोत ने कहा कि मेवाड़ कॉम्पलेक्स को प्रभावी बनाया जाए तो यह इतिहास के संरक्षण में कारगर साबित होगा। उन्होंने चित्तौड़गढ़ सांसद से आग्रह किया कि वे केन्द्र सरकार से कॉम्पलेक्स से संबंधित पुरानी फाइलों को पुनः निकलवाएं और इसी के तहत विकास कार्य सम्पादित करवाएं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह करेंगे।

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े स्थल चावण्ड, गोगुन्दा, हल्दीघाटी आदि मेवाड़ की पहचान को विशिष्ट बनाते हैं।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री रामलाल जाट, जनजाति राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, सांसद सी. पी. जोशी, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, विधायक प्रीति शक्तावत, धर्मनारायण जोशी, फूलसिंह मीणा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास, नगर निगम महापौर गोविन्द सिंह टांक, उप महापौर पारस सिंघवी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।

 

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *