धर्मशाला। तिब्बती आध्यात्मिक नेता (Tibetan spiritual leader) दलाई लामा को बुधवार को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) से नवाजा गया है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पहाड़ी शहर धर्मशाला में उनके निवास पर 64 साल बाद रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत रूप से 1959 का रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान किया गया है। दलाई लामा के कार्यालय ने कहा, अगस्त 1959 में फिलीपींस में फाउंडेशन द्वारा पवित्र धर्म की रक्षा में तिब्बती समुदाय के वीरतापूर्ण संघर्ष के लिए परम पावन को सामुदायिक नेतृत्व के लिए दिया गया यह पहला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार था जो उनके जीवन और संस्कृति की प्रेरणा है।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, अपनी सादगी और विशिष्ट हंसमुख शैली के लिए जाने जाते हैं। वह धार्मिक नेताओं के साथ बैठकों में भाग लेना पसंद करते हैं। 2007 में चीन के विरोध के बावजूद भी दलाई लामा को अमेरिकी कांग्रेस का स्वर्ण पदक मिला। 6 जुलाई 1935 को पूर्वोत्तर तिब्बत के तख्तसेर गांव में जन्मे दलाई लामा को दो साल की उम्र में 13वें दलाई लामा थुबतेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में मान्यता मिली थी।
1959 में चीनी शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद वह तिब्बत से भाग गए थे। यहां उनकी निर्वासित सरकार थी जिसे कभी भी किसी देश से मान्यता नहीं मिली। लगभग 80,000 तिब्बती भारत, नेपाल और भूटान के 54 विभिन्न स्थानों में बसे हुए हैं। (आईएएनएस)