नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने विश्व की डवांडोल आर्थिक परिस्थितियों (turbulent economic conditions) का हवाला देते हुए कहा है कि भारत के लोगों के साथ-साथ पूरी दुनिया की निगाहें भारत के बजट पर टिकी हुई हैं, जो देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बुधवार को सदन में पेश करने जा रही हैं। बजट सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट सत्र (budget session) का प्रारम्भ हो रहा है। ऐसे में चारों तरफ से अर्थतंत्र को लेकर सकारात्मक संकेत आ रहे हैं। आशा की किरण आ रही है। अर्थतंत्र में जिनकी आवाज को मान्यता है, उनकी तरफ से सकारात्मक संकेत आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों और डवांडोल आर्थिक हालात में सिर्फ भारत के जनमानस की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें भारत के बजट पर टिकी हुई हैं, जो देश की महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल सदन में पेश करने जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि वित्त मंत्री लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के साथ ही ऐसा बजट लेकर आने का भरपूर प्रयास करेंगी जिससे विश्व, जो आशा की किरण देख रही है, उसे वो और अधिक प्रकाशमान नजर आए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पहले अभिभाषण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के संविधान और संसदीय प्रणाली का गौरव बताते हुए इसे नारी और आदिवासियों के सम्मान का भी अवसर करार दिया। उन्होंने सभी सांसदों से पूरे उमंग, उत्साह और ऊर्जा के साथ इसमें शामिल होने का अनुरोध किया।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के इंडिया फस्र्ट, सिटीजन फस्र्ट की भावना के साथ काम करने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष के साथी बारीकी से अध्ययन कर पूरी तैयारी के साथ सदन में अपनी बात रखेंगे और सदन की चर्चा से देश के लिए अमृत निकलेगा। मोदी ने सदन में चर्चा की वकालत करते हुए कहा कि सदन में तकरार भी रहेगी लेकिन तकरीर भी होनी चाहिए। (आईएएनएस)