नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री (former finance minister) पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने रविवार को वित्त सचिव (Finance Secretary) टी वी सोमनाथन (T V Somanathan) को सलाह दी कि वह अपने इस ‘सिद्धांत’ पर फिर से विचार करें कि आवास ऋण (home loans) बचत नहीं है।
सोमनाथन ने ‘द हिंदू’ के साथ साक्षात्कार में पुरानी कर व्यवस्था के बारे में बात करते हुए कहा था कि यदि कोई कर मुक्तता के ढांचे को देखता है, तो आधा बचत के लिए आधा गैर-बचत के लिए होता है। इसमें आवास ऋण या आवास ऋण पर ब्याज आता है।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, वित्त सचिव पूछ रहे हैं कि क्या आवास ऋण बचत है? इसपर वित्त सचिव का जवाब ‘नहीं’ है। पता नहीं कितने लोग वित्त सचिव से सहमत होंगे। चिदंबरम ने कहा कि ब्याज का भुगतान और ऋण की किस्त वास्तव में एक खर्च है, लेकिन यह ऐसा व्यय है जो संपत्ति में बदल जाता है, जो एक बचत है।
पूर्व वित्त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आप यही पैसा छुट्टियों बिताने या रेसकोर्स में खर्च करते हैं, तो इससे कोई संपत्ति नहीं बनती। तो यह बचत नहीं है। चिदंबरम ने वित्त सचिव को सलाह दी कि वह अपनी इस सिद्धांत पर नए सिरे से विचार करें। (भाषा)