Congress:- कांग्रेस ने ओडिशा रेल हादसे को लेकर रविवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि उनका ‘प्रचार पाने का हथकंडा’ भारतीय रेलवे की ‘गंभीर कमियों, आपराधिक लापरवाही और सुरक्षा की पूर्ण उपेक्षा’ पर भारी पड़ गया।
विपक्षी दल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने भारतीय रेलवे और लोगों के बीच जो ‘अव्यवस्था’ पैदा की है, उसकी उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
कांग्रेस नेता एवं सांसद शक्तिसिंह गोहिल और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रचार एवं मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि ओडिशा रेल हादसा ‘एक मानवनिर्मित त्रासदी’ है, जो ‘घोर लापरवाही, प्रणाली में गंभीर कमियों, अक्षमता और मोदी (के नेतृत्व वाली) सरकार की ‘सब कुछ पता होने’ की अहंकारी आत्ममुग्धता’ का नतीजा है।
खेड़ा ने कहा कि दोषियों को सजा देने की घोषणा करने करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को इसकी शुरुआत रेल मंत्री से करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करते हैं। इससे कम कुछ नहीं।’
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इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि रेलवे की सुरक्षा से प्रधानमंत्री और रेल मंत्री के ‘प्रचार पाने की मुहिम’ की वजह से समझौता किया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘याद कीजिए कि लाल बहादुर शास्त्री ने नवंबर 1956 की अरियालुर रेल दुर्घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था और नीतीश कुमार ने भी अगस्त 1999 की गैसल ट्रेन हादसे के बाद ऐसा किया था।’
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उल्लेखनीय है कि ओडिशा के बालासोर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके (कोरोमंडल एक्सप्रेस के) अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ पिछले डिब्बों पर पलट गए। इस हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। (भाषा)