नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कथित आईएल एंड एफएस मनी लॉन्ड्रिंग (IL&FS Money Laundering) मामले में महाराष्ट्र एनसीपी (NCP) प्रमुख और विधायक जयंत पाटिल (Jayant Patil) को नया समन भेजा है और उन्हें 22 मई को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
इससे पहले पाटिल को 12 मई को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। दूसरे नोटिस में ईडी ने उन्हें 22 मई को जांच में शामिल होने को कहा है। ईडी ने 10 मई को आईएल एंड एफएस के परिसरों पर छापा मारा था। मुंबई के गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए आईएल एंड एफएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और उनके प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ईओडब्ल्यू की एफआईआर और एसएफआईओ की शिकायत के आधार पर ईडी ने 2019 में आईएल एंड एफएस के खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज किया था।
ईडी को जांच में पता चला है कि आईएल एंड एफएस का वैधानिक ऑडिट वित्त वर्ष 2008-09 से 2017-18 की अवधि के लिए डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स एलएलपी द्वारा और वित्त वर्ष 2017-18 की अवधि के लिए बीएसआर एंड एसोसिएट्स द्वारा किया गया था।
2018 में, आईएल एंड एफएस दिवालियापन के लिए चला गया। ईडी ने फिलहाल इस मामले में अलग-अलग फर्मों की कुछ संपत्तियों को कुर्क किया है। कोहिनूर कंस्ट्रक्शन को दिए गए कर्ज को लेकर ईडी ने 2020 में मनसे प्रमुख राज ठाकरे से इस मामले में पूछताछ की थी। (आईएएनएस)